अभी भी बहुत कुछ करना है राजनीति में बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए वैशाखी ने कहा कि ममता बनर्जी और शोभन चटर्जी के बीच मतभेदों को सुलझा लिया गया है। उन्होंने कहा कि शोभन के भाजपा छोडऩे के बाद, कई लोगों ने कहा था कि उनकी राजनीतिक मृत्यु हो गई है। लेकिन उन्हें अभी भी राजनीति में बहुत कुछ करना है। शोभन चटर्जी और उनकी मित्र वैशाखी दोनों ने टीएमसी से नाता तोड़ लिया था। दोनों 2019 में भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि केवल दो साल बाद उन्होंने भाजपा का साथ छोड़ दिया था।
मैं कुछ नहीं कहना चाहता : दुलाल दूसरी ओर शोभन चटर्जी के ससुर और तृणमूल विधायक दुलाल दास ने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। शोभन अपनी विधायक पत्नी रत्ना चटर्जी से अलग हो गए हैं। वे प्रो. वैशाखी के साथ रह रहे हैं। दुलाल दास ने अपने दामाद के पार्टी में लौटने की संभावनाओं पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी पार्टी की सब कुछ हैं। वे चाहे कुछ भी कर सकती हैं। वैशाखी ने भी रत्ना चटर्जी के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
अभिमान की दीवार ढही : वैशाखी वैशाखी ने कहा कि शोभन और ममता दीदी के पुराने संबंध हैं। बीच में दोनों के बीच अभिमान की दीवार खड़ी हो गई थी, लेकिन अब वो ढह गई है। मैं चाहती हूं कि शोभन फिर से राजनीति में आएं। अब दीदी के आदेश का इंतजार है। जब उनसे पूछा गया कि शोभन कब तृणमूल में शामिल होंगे और क्या ममता ने उन्हें मंत्री बनाने को कहा है। जवाब में वैशाखी ने कहा कि मैं अभी इस बारे में कुछ भी नहीं कहूंगी।