खरीद-फरोख्त करते रंगेहाथ पकड़े गए पुलिस सूत्रों के अनुसार बांग्लादेशी राजू अहमद और मालदह निवासी नारायण मंडल इयावा टैबलेट खरीदने के लिए कोलकाता आए थे। इस संबंध में एसटीएफ को विश्वसनीय सूत्रों से सूचना मिल गई थी। एसटीएफ के जवान दोनों पर नजर रख रहे थे। शुक्रवार रात जब ईडन गार्डन्स के नजदीक ड्रग्स का लेनदेन हो रहा था, तभी इनको दबोच लिया गया।
—– पुलिस को महानगर में ड्रग्स के कारखाने का अनुमान प्राथमिक जांच के आधार पर पुलिस का अनुमान है कि कोलकाता में ही कहीं इयावा ड्रग्स का कारखना है। यहीं ड्रग्स बनाया जा रहा है। पकड़े गए तस्करों से पूछताछ कर पुलिस उक्त कारखाने का पता लगाने का प्रयास कर रही है।
— क्या है इयावा टैबलेट
इयावा टैबलेट एक ड्रग्स है। यौन उत्तेजना के लिए भी कुछ लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। सूत्रों के अनुसार द्वितीय विश्वयुद्ध के समय हीटलर अपनी सेना को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए उक्त ड्रग्स खिलाता था। उस समय इसे अन्य किसी नाम से जाना जाता था। म्यांमार में इस ड्रग्स का प्रचलन काफी अधिक है। रोहिंग्या इसे भारत लाए थे।
इयावा टैबलेट एक ड्रग्स है। यौन उत्तेजना के लिए भी कुछ लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। सूत्रों के अनुसार द्वितीय विश्वयुद्ध के समय हीटलर अपनी सेना को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए उक्त ड्रग्स खिलाता था। उस समय इसे अन्य किसी नाम से जाना जाता था। म्यांमार में इस ड्रग्स का प्रचलन काफी अधिक है। रोहिंग्या इसे भारत लाए थे।