‘नो मैंस लैण्ड’ में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद भारतीय प्रतिनिधियों ने बेनापोल में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। शहीद स्मारक पर माल्यार्पण के बाद दोनों देश एक दूसरे के प्रति भाव व्यक्त किए और आपसी सद्भाव कायम रहने की कामना की।
इस अवसर पर उपस्थित लोग नागरिकता संशोधित कानून(सीएए) और एनपीआर विरोधी नारे लिखे बैज धारण किए हुए थे। राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री मल्लिक के नेतृत्व में जुटे लोग सीएए व एनपीआर विरोधी नारे भी लगाए। मंच से सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ मुखर होने का संदेश भी दिया गया। राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री मल्लिक ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भाषा आंदोलन की भांति एक बार फिर जनआंदोलन की शुरुआत पश्चिम बंगाल में शुरू हुई है।
सीमा पर लगाया रक्तदान शिविर:
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर आपसी सौहार्द को कायम रखते हुए भारत-बांग्लादेश सीमा पर रक्तदान शिविर लगाया गया। ‘नो मैंस लैण्ड’ पर रक्तदान कर लोगों ने एक अनोखा उदाहरण कायम किया। दोनों देशो के करीब 150 लोगों ने स्वेच्छा से रक्तदान किया।