स्नेक अभी जिंदा है: कृषि प्रधान राज्यों की आबादी पर ज्यादा खतरा जागरूकता बढ़ाकर, समय पर इलाज से बचाई जा सकती है हजारों जानेंरवींद्र राय कोलकाता. जब सांप ने मशहूर फिल्म अभिनेता
सलमान खान को डसा तब पूरे देश में हंगामा मच गया तभी जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया कि स्नेक अभी जिंदा है। दरअसल उन्होंने सलमान की फिल्म टाइगर जिंदा है को लेकर ट्वीट किया था, इस पर कई लोगों ने अब्दुल्ला का समर्थन किया तो कई ने व्यंगात्मक प्रहार बताया। पर सच है कि इंसानों के लिए सांप अब भी बड़े दुश्मन बने हुए हैं। पिछले बीस साल में (2000 से 2019 तक) सर्पदंश से देश में करीब 12 लाख लोगों की मौत हुई। देश के कृषि प्रधान और बड़े राज्यों में सांप के काटे ज्यादा लोग काल के गाल में समाए हैं। हाल के दिनों में आन्ध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और उत्तरप्रदेश में ज्यादा लोग सर्पदंश के शिकार हुए हैं।
--मानसून में सर्पदंश ज्यादा कनाडा स्थित टोरंटो विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर ग्लोबल हेल्थ रिसर्च के शोध अध्ययन के अनुसार सर्पदंश से मानसून के सीजन में सबसे ज्यादा मौतें होती हैं। खेती-बाड़ी करने वालों पर सर्पदंश का सबसे ज्यादा जोखिम रहता है। सांप ज्यादातर पैरों में डसते हैं। 26 करोड़ से अधिक भारतीय मध्यम जोखिम वाले क्षेत्रों में रहते हैं, जहां 167 में एक व्यक्ति, सांप के डसने से मारा जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रामीण स्वास्थ्य केन्द्रों में एंटीवेनम की उपलब्धता सुनिश्चित कर, जागरूकता बढ़ाकर और समय पर इलाज कर हजारों पीडि़तों की जानें बचाई जा सकती हैं।
--झाड़-फूंक की बजाय इलाज जरूरीविश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक प्रशासन के साथ सामाजिक स्तर भी सर्पदंश पर ध्यान नहीं दिया जाता। सुविधाओं की कमी के साथ गांव देहात और आदिवासी इलाकों के लोग अंधविश्वास के जाल में जकड़े रहते हैं। सांपों के डसने पर लोग इलाज की बजाय झाड़-फूंक को प्राथमिकता देते हैं। अस्पताल नहीं जाते हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सूचना तक नहीं देते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इलाज में जितनी देर होगी पीडि़त की जान पर उतना खतरा बढ़ेगा।
--केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ेराज्य वर्ष मौतें
ओडिशा 2019 1872
आंध्र प्रदेश 2019 467
प. बंगाल 2019 239
--ये सांप ज्यादा खतरनाकदेश में करीब 60 सांपों को विषैला माना जाता है। रसेल्स वाइपर (दुबोइया), करैत और नाग प्रजाति के सांपों के डसने से ज्यादातर लोगों की मौत होती है। इसके अलावा 12 अन्य प्रजातियों के सर्प दंश से लोगों की जान जाती है।
--फैक्ट फाइल81 हजार से 1.38 लाख लोगों की विश्व में हर साल सर्पदंश से मौत
46 हजार से 58 हजार लोगों की देश में हर साल सर्पदंश से मौत
97 फीसदी ग्रामीण होते हैं शिकार
59 फीसदी पुरुष तथा 41 महिलाएं सर्पदंश की शिकार
270 प्रजातियां देश में सांपों की
--इनका कहना हैसर्पदंश के बाद एक से दो घंटे बेहद अहम होते हैं। पीडि़त व्यक्ति को शांत रखते हुए तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाना चाहिए। एंटीवेनम इंजेक्शन दिलवाना चाहिए। लोगों को खेतों में रबर के जूते और दस्ताने पहनकर जाना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में मच्छरदानी का इस्तेमाल करना चाहिए। अंधेरे में टॉर्च का उपयोग करना चाहिए।
ड़ॉ. प्रवीण कुमार