वृद्ध पिता की सुरक्षा के लिए बेटे को नहीं मिल सकता बंदूक का लाइसेंस
कोलकाताPublished: Feb 07, 2020 09:03:23 pm
वृद्ध हो चले ऐसे रईस पिता की सुरक्षा के लिए बेटे ने अपने पास बंदूक रखने का मन बनाया था और जिलाधिकारी से बंदूक रखने के लिए लाइसेंस देने का आग्रह किया था पर पहले जिलाधिकारी तथा बाद में कलकत्ता हाईकोर्ट ने उनकी अर्जी खारिज कर दी। सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई की भारतीय हथियार कानून में इस बात का कोई प्रावधान ही नहीं है कि पिता वृद्ध हो जाएं तो उनकी सुरक्षा के लिए बेटा अपने पास बंदूक रखे।
वृद्ध पिता की सुरक्षा के लिए बेटे को नहीं मिल सकता बंदूक का लाइसेंस
कोलकाता. पिता वृद्ध हो चले हैं, बैंकों में उनके खाते में बड़ी राशि जमा है, पेट्रोल पंप का कारोबार है। वृद्ध हो चले ऐसे रईस पिता की सुरक्षा के लिए बेटे ने अपने पास बंदूक रखने का मन बनाया था और जिलाधिकारी से बंदूक रखने के लिए लाइसेंस देने का आग्रह किया था पर पहले जिलाधिकारी तथा बाद में कलकत्ता हाईकोर्ट ने उनकी अर्जी खारिज कर दी। सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई की भारतीय हथियार कानून में इस बात का कोई प्रावधान ही नहीं है कि पिता वृद्ध हो जाएं तो उनकी सुरक्षा के लिए बेटा अपने पास बंदूक रखे। भारतीय हथियार कानून के अनुसार कुछ खास स्थितियों में ही कानूनी तौर पर बंदूक रखने के लिए लाइसेंस जारी किया जा सकते हैं। जैसे आत्मरक्षार्थ, हिंसक जीव-जंतुओं से बचने के लिए तथा खेतों की रक्षा करने के लिए लोगों को बंदूक रखने की अनुमति दी जाती है। निशानेबाजी खेलों से जुड़े रहनेवालों को भी बंदूक रखने के लिए लाइसेंस जारी किये जाते हैं। बर्दमान निवासी पार्थ सारथी नंदी के पिता करोड़ों के मालिक हैं। इसी कारण पार्थ सारथी ने बंदूक रखने के लिए जिलाधिकारी के पास अर्जी दायर की थी। उनकी दलील थी कि उनके पिता वृद्ध हो चले हैं। उनकी सुरक्षा के लिए बंदूक रखना जरूरी है। जिलाधिकारी कार्यालय ने पार्थ सारथी की अर्जी खारिज करते हुए कहा था कि जायदाद पिता के नाम से है बेटे के नाम से नहीं। यहां आत्मरक्षा का मामला नहीं बनता। वृद्ध पिता की सुरक्षा के लिए बेटे को बंदूक का लाइसेंस देने का कानून नहीं है। जिलाधिकारी के इस फैसले को पार्थ सारथी नंदी ने कलकत्ता हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जिसपर पहले एकल पीठ ने तथा बाद में मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने पार्थ सारथी नंदी की अर्जी खारिज करते हुए जिलाधिकारी के फैसले को सही ठहराया।