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हाल्तु और ढाकुरिया भी आए डायरिया की चपेट में

locationकोलकाताPublished: Feb 13, 2018 10:17:54 pm

Submitted by:

Paritosh Dube

ढाई हजार से ज्यादा लोग प्रभावित -निगम ने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की छुट्टी

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कोलकाता
महानगर में फैला डायरिया का संक्रमण दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहा है। इस बीमारी ने दक्षिण कोलकाता के अधिकांश हिस्सों को अपनी चपेट में ले लिया है। मंगलवार को ढाकुरिया एवं हाल्तु इलाका भी डायरिया की चपेट में आ गए। इन दोनों इलाकों के १०० से अधिक लोग बीमारी की चपेट में हैं। इनमें से कुछ को इलाज के लिए अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराय गया है। दस्त, पेट दर्द, उल्टी व बुखार से लोग पीडि़त हैं। निगम की ओर से प्रभावित इलाकों में जगह-जगह पर अस्थाई स्वास्थ्य कैम्प लगाया गया है। स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर से भी शिविर लगाए गए हैं। प्रभावित इलाकों के लोगों में ओआरएस एवं दवाईयां वितरित की जा रही हैं। माइक से घोषणा कर लोगों को कोलकाता नगर निगम की ओर से सप्लाई किए जाने वाले पानी को उबाल कर पीने अथवा बोतल बंद पानी खरीदकर पाने की सलाह दी जा रही है। हालात को देखते हुए निगम ने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की महाशिवरात्रि की छुट्टी रद्द कर दी है। अब तक लगभग 2,500 लोग इससे प्रभावित हैं। इनमें से लगभग 200 लोगों को स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। हालांकि निगम इन आंकड़ों को मानने से अस्वीकार कर रहा है। निगम का कहना है कि लोग आतंकित हो गए हैं, वे नर्वस होकर डॉक्टरों के पास जा रहे हैं।
-एमआर बांगुड़ अस्पताल में भी लगा मरीजों का तांता

बाघाजतीन स्टेट जेनरल और बेलियाघाटा आईडी अस्पताल के बाद अब दक्षिण केलकाता के एमआर बांगुड़ अस्पताल में भी डायरिया से पीडि़त मरीजों का तांता लगने लगा है। भारी संख्या में लोग एमआर बांगुड़ के आउटडेर में अपनी इलाज करा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि बेलियाघाटा आईडी एवं बाघाजतिन स्टेट जेनरल अस्पतालों में मरीजों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि यहां एक बेड पर तीन से चार मरीजों का भी इलाज किया जा रहा है। इसके साथ ही इन अस्पतालों में डॉक्टरों एवं नर्सों की कमी भी लोगों को दूसरे अस्पतालों में जाने पर मजबूर कर रही है। हांलाकि डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इन अस्पतालों में अतिरिक्त डॉक्टर एवं नर्स भेजे गए हैं।
पेयजल की वजह से फैल रहा संक्रमण

5 दिनों से महानगर में फैला यह प्रकोप निगम के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के लिए भी चिंता का कारण बन गया है। बाघाजतिन अस्पताल में मरीजों का जयाजा लेने पहुंचे स्वास्थ्य अधिकारी अजय चक्रवर्ती ने कहा कि संभवत: यह बीमारी पीने वाले पानी के दूषित होने की वजह से फैली है। उन्होंने कहा कि किसी अन्य कारण से एक ही इलाके में इस संक्रमण का इतने बड़े पैमाने में फैलना संभव नहीं है। हांलाकि एमआईसी अतिन घोष ने उनके इस कथन को महज एक अनुभव बताया है।
-संतोषपुर में निगम के पानी से निकला कीड़ा

दक्षिण कोलकाता के संतोषपुर इलाके में स्थानीय लोगों को नगर निगम के पानी से कीड़ा मिला। स्थानीय लोगों ने बताया कि सोमवार शाम से ही निगम के पानी से छोटे-छोटे कीड़े निकल रहे हैं। उन्होंने इसकी जानकारी निगम को दी है। जिसके बाद मंगलवार की सुबह निगम के कर्मी संतोषपुर इलाके से पेयजल का नूमना संग्रह कर जांच के लिए ले गए। एमआईसी अतिन घोष ने इस घटना पर सफाई देते हुए कहा कि यह समस्या पानी के पाइप फटे होने की वजह से हुई है। उनका कहना है कि निगम के पाईप में कहीं छेद आ गया होगा, उसी के जरिए कीड़े पानी में चले आए हैं। उन्होंने निगम कर्मियों को उस इलाके के पूरे पाइप लाईन को जांच करने का निर्देष दिया है।
-डेंगू के बाद डायरिया पर शुरू हुई राजनीति

2017 में फैली डेंमगू को मुद्दा बनाकर विपक्षों ने सरकार खूब घेरे में लिया था। महानगर में डायरिया संक्रमण फैलने का बाद भी कुछ वैसा ही नजारा देखने को मिल रहा है। सोमवार को एक ओर जहां वाममंथीयों ने निगम को आड़े हाथों लिया था वहीं मंगलवार को भाजपा के युवा मोर्चा दल ने डायरिया को मुद्दा बनाते हुए निगम पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कोलकाता नगर निगम के मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि निगम इस संक्रमण को हल्के में ले रहा है। निगम की लापरवाही से ही यह संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। उन्होंने निगम को चेतावनी देते हुए कहा कि 72 घंटे के अंदर समस्या का समाधान नहीं निकालने पर और जोरदर प्रदर्शन किया जाएगा। मेयर शोभन चटर्जी का पूताल भी जलाया गया।
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