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मिलावट रोकने की राह में अमले की कमी रोड़ा

locationकोलकाताPublished: Jan 05, 2018 11:43:57 pm

समस्या को लेकर अतिन घोष करेंगे फिरहाद हकीम से मुलाकात – 88000 लाइसेंस धारकों में से 20 हजार के पास है फुड लाइसेंस

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कोलकाता
चाह है पर राह नहीं, ऐसी ही हालत है निगम के स्वास्थ्य विभाग की। नगर निगम का स्वास्थ्य विभाग शहर के विभिन्न होटलों, फुटपाथों और रेस्तरां में खाद्य पदार्थों में हो रही मिलावट को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई करना चाहता है, लेकिन बुनियादी ढ़ांचे में कमी और अमले का टोटा उसकी राह में रोड़ा बना हुआ है।
निगम सूत्रों के अनुसार स्वास्थ्य विभाग ने छोटे-बड़े होटल, रेस्तरां, फुड स्टॉल्स में जाकर मिलावटी खाद्य पदार्थों के इस्तेमाल नहीं करने का निर्देश दिया है, सतर्क किया है, कइयों के खाने में शुद्धत्ता ना मिलने पर उन्हें नोटिस भेजा गया है। लेकिन बुनियादी ढांचे की कमी की वजह से इस कार्य को आगे ले जाने में परेशानी हो रही है।
फिलहाल निगम के पास 14 सेफ्टी अधिकारी हंै जो खाद्य पदार्थों की शु्द्धता की परीक्षा करते हैं। इसके लिए भी उन्हें अस्थाई कर्मियों का सहारा लेना पड़ता है।
मेयर परिषद सदस्य (स्वास्थ्य) अतिन घोष ने कहा कि हम मिलावटी खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल रोकने के लिए सतर्कता अभियान करना चाहते हैं, लेकिन लोगों की कमी बुनियादी ढांचा ना मिल पाने की वजह से यह नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे जल्द ही इस परेशानी को शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम के समक्ष रखेंगे।
उन्होंने कहा कि हर वर्ष लाइसेंस धारकों से लगभग 10 करोड़ टैक्स वसूल कर राज्य सरकार को सौंपते हैं। अगर राज्य सरकार उसका आधा यानि की ५ करोड़ भी स्वास्थ्य विभाग को बुनियादी ढांचे के लिए दे तो निगम बुनियादी ढांचा तैयार कर लेगा। खाद्य विक्रेताओं को फुड लाइसेंस लेने के लिए प्रेरित करेगा और उससे मिलने वाले टैक्स से सरकारी खजाना भी भरेगा।
निगम के अनुसार केएमसी अंतर्गत 88000 खाद्य विक्रेताओं के पास ट्रेड लाइसेंस हैं। जिनमें से कुल 20 हजार खाद्य विक्रेताओं के पास फुड लाइसेंस भी है। घोष के मुताबिक लगातार सतर्कता अभियान और कड़ी कार्रवाई करने के बाद ही खाद्य पदार्थों में हो रही मिलावट को रोक पाना सभंव है।

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