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नए जेल निमार्ण को राज्य सरकार तलाश रही है जमीन

locationकोलकाताPublished: Dec 06, 2018 03:49:37 pm

Submitted by:

Rakesh Mishra

कैदियों की बढ़ती संख्या बना चिंता का कारण

kolkata

कैदियों की बढ़ती संख्या बना चिंता का कारण

कोलकाता

राज्य में कैदियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए नए जेल के निमार्ण के लिए राज्य सरकार अलग-अलग जिलों में जमीन की तलाश कर रही है। सुरक्षा की दृष्टि से सरकार चाहती है कि जेल का निमार्ण पुलिस मुख्यालय के आस-पास हो। लेकिन सब जगहों पर पुलिस मुख्यालय के पास सरकारी जमीन की उपलब्धता नहीं है। जहां पर जमीन की उपलब्धता है वहां पर नए जेल का निमार्ण कार्य शुरू हो गया है। ज्ञात हो कि अलीपुर सेन्ट्रल जेल के विकल्प के तौर पर बारूईपुर में नए जेल का निमार्ण कारा विभाग कर रहा है। इसके अलावा पूर्व मेदिनीपुर, तमलूक, मालदा व चांचल में भी नए जेल का निमार्ण कार्य शुरू हो गया है। नए जिला जेल के निर्माण के लिए करीब 35 से 40 एकड़ जमीन की आवश्यकता है। वर्तमान जेल काफी पुराना हो गया है व इसमें क्षमता से अधिक कैदी भी है। इसी को देखते हुए प्रशासन द्वारा नए जिला जेल के निर्माण की कवायद तेज कर दी गई है। तमलूक महकमा जेल की मरम्मत हो रही है। इसके अलावा पूर्व मिदनापुर में ८० करोड़ की लागत से नई जेल का निमार्ण हो रहा है। चांचल में ३० करोड़ रुपए की लागत से जेल का निमार्ण हो रहा है। राज्य के कारा मंत्री उज्जवल विश्वास बुधवार को चांचल में नए जेल के निमार्ण कार्य के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली। राज्य सरकार के निर्देश पर बसीरहाट महकमा जेल को शहर के बाहर बनाने के लिए राज्य प्रशासन जमीन की तलाश कर रहा है। कारा विभाग के एक वरीय अधिकारी के मुताबिक बसीरहाट, दक्षिण २४ परगना जिले में होने के बावजूद यहां पर अलग से पुलिस विभाग व स्वास्थ्य विभाग है। यह संभावना है कि बसीरहाट को आने वाले समय में अलग जिला घोषित कर दिया जाए। इसी को ध्यान में रख कर बसीरहाट में नए जेल का निर्माण किया जा रहा है।
उत्तर २४ परगना का सदर क्षेत्र बारासात है। लेकिन यहां पर अलग से कोई जेल नहीं है। लिहाजा इस क्षेत्र के कैदियों को दमदम जेल में रखा जाता है। दमदम जेल में कैदियों की संख्या पहले से ही बहुत ज्यादा है। जेल में महिला कैदियों को रखने की जगह बहुत छोटी है। लिहाजा बारासात में जल्द ही नए जेल का निमार्ण होगा। बारासात शहर से दूर जेल के लिए राज्य प्रशासन जमीन की तलाश कर रहा है। इसके अलावा बांकुड़ा, दक्षिण २४ परगना, काकद्वीप महकमा में नए जेल का निर्माण करने की योजना है।
इतने जेल की आवश्यकता क्यों

कारा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य के प्राय: सभी महकमों में अदालत है। महकमा क्षेत्र में जेल रहने से विचाराधीन कैदियों को ले जाने और लाने के लिए जेलर के उपर दबाव कम रहेगा। दूसरी तरफ कई बार मानवाधिकार कमिशन राज्य प्रशासन पर जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदियों को रखने का आरोप लगा चुका है। नियामानुसार सजा प्राप्त कैदियों को महकमा जेल में नहीं रखा जाता। इन कैदियों को सेन्ट्रल जेल या जिला जेल में रखा जाता है। कुछ मामलों में सजा प्राप्त कैदियों को महकमा जेल में रखने का निर्देश होता है। राज्य में सेन्ट्रल, जिला, महकमा, स्पेशल, व महिला जेलों की कुल संख्या ६० है। राज्य में सजा प्राप्त कैदियों की संख्या २४ हजार से ज्यादा है। कैदियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
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