राज्य के शिक्षामंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि अभी परीक्षा का समय है। इस समय विद्यार्थी सालाना परीक्षाओं की तैयारियों में व्यस्त रहते हैं। उनका ध्यान भटकाना ठीक नहीं है। बोर्ड परीक्षाएं भी आने वाली हैं। कोई भी विद्यार्थी इस समय भाषण सुनने के लिए तैयार नहीं होगा। ऐसे समय में विद्यार्थियों को एक जगह इक_ा कर भाषण सुनने के लिए मजबूर करने को ठीक नहीं ठहराया जा सकता।
पहले भी किया है विरोध
इससे पहले भी कई बार राज्य सरकार ने केन्द्र के इस तरह के दिशानिर्देश मानने से इंकार किया है। जून 2017 में प्रधानमंत्री के मन की बात का प्रसारण करने पर मुख्यमंत्री ने महानगर के एक स्कूल की खिंचााई की थी। उन्होंने कहा था कि राजनीतिक कार्यक्रमों का कोई शैक्षणिक महत्व नहीं होता है।
इससे पहले भी कई बार राज्य सरकार ने केन्द्र के इस तरह के दिशानिर्देश मानने से इंकार किया है। जून 2017 में प्रधानमंत्री के मन की बात का प्रसारण करने पर मुख्यमंत्री ने महानगर के एक स्कूल की खिंचााई की थी। उन्होंने कहा था कि राजनीतिक कार्यक्रमों का कोई शैक्षणिक महत्व नहीं होता है।
इसके अलावा 8 सितम्बर 2017 को यूजीसी के कार्यक्रम मेंप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण का भी राज्य के उच्च शैक्षणिक संस्थानों में प्रसारण नहीं किया गया था।
31 अक्टूबर 2017 के दिन सरदार वल्लभभाई पटेल की जन्मजयंती पर मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से आयोजित देश व्यापी रन फॉर यूनिटी के आयोजन से भी राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने राज्य के शैक्षणिक केन्द्रों को दूर रखा था।
31 अक्टूबर 2017 के दिन सरदार वल्लभभाई पटेल की जन्मजयंती पर मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से आयोजित देश व्यापी रन फॉर यूनिटी के आयोजन से भी राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने राज्य के शैक्षणिक केन्द्रों को दूर रखा था।