घर से आ रही थी बदबू
पुलिस सूत्रों के अनुसार साल्टलेक के बीई ब्लॉक 220 नंबर के घर से काफी बदबू आ रही थी। रविवार की शाम से दुर्गन्ध काफी बढ़ गई थी। स्थानीय लोगों ने सोमवार की सुबह साल्टलेक उत्तर थाने में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस उक्त घर पर पहुंची और दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी, तो देखा कि मैत्रेय अपनी मां के शव के पास ही बैठा था। शव देखकर अनुमान लगाया गया कि 17-18 दिनों पहले संभवत: कृष्णा की मौत हुई है।
खिड़कियां और दरवाजे सभी थे बन्द
पुलिस का कहना है कि घर के अंदर जाने पर पाया गया कि सभी खिड़कियां और दरवाजे बंद थे। घर की दीवारों पर कृष्णा के स्कूली सर्टिफिकेट, राशनकार्ड, बैंक के दस्तावेज समेत कई कागज चिपकाए हुए थे। यहां तक कि गेट के बाहर जहां नेम प्लेट होता है, वहां पर भी मैत्रेय ने मां के नाम के आगे स्वर्गवासी लिख दिया था। नेम प्लेट के पास ही रानी एलिजाबेथ भी लिखा था।
मां को दफनाने की थी योजना
पुलिस ने मैत्रेय से जब पूछताछ की तो पता चला कि वह अपनी मां को घर में ही दफनाने वाला था। मैत्रेय ने यह भी बताया कि उसकी मां ने उसके मरने की बात को किसी से नहीं बताने के लिए कहा था। मां ने यह भी कहा था कि उसके शव को घर में ही दफना देना। इसलिए वह 21 दिनों के बितने का इंतजार कर रहा था। 21 दिनों के बाद वह शव को दफना देता।
पड़ोसियों से नहीं थे अच्छे संबंध
कृष्णा के पति गोराचांद भट्टाचार्य एसएसकेएम अस्पताल के डॉक्टर थे। उनकी मौत के बाद से ही मां और बेटे दोनों ने बाहरी दुनिया से अपना संबंध खत्म कर लिया था। वे किसी से ज्यादा बातचीत नहीं करते थे। उनके घर की खिड़कियां व दरवाजे हमेशा बन्द ही रहते थे। घर में खाना भी नहीं बनता था। बाहर से भी खाना नहीं मंगाते थे। जांच में पाया गया कि वे रुखा-सूखा खाना ही खाते थे। मैत्रेय ने बताया कि उसने अपने पिता के एक दोस्त को मां की मौत की सूचना दी थी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।