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सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की प्रगति रिपोर्ट पर जताया असंतोष

locationकोलकाताPublished: Jul 16, 2018 10:15:06 pm

Submitted by:

Shishir Sharan Rahi

सारधा मामला—–सीबीआई वकील ने बंगाल पुलिस पर लगाया जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप-शीर्ष अदालत ने सीबीआई को कोलकाता हाईकोर्ट में जाने को कहा-लापता सबूतों की जांच के लिए की गई थी हस्तक्षेप की मांग

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सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की प्रगति रिपोर्ट पर जताया असंतोष

कोलकाता. सुप्रीम कोर्ट ने सारधा चिटफंड घोटाले में लापता सबूतों की जांच के लिए शीर्ष अदालत से हस्तक्षेप करने की मांग करने पर सीबीआई को कोलकाता हाईकोर्ट में जाने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि २०१४ में ही सारधा चिटफंड घोटाले में सीबीआई जांच का आदेश दिया गया था। सारधा मामले में सीबीआई की ओर से सौंपी गई प्रगति रिपोर्ट पर असंतोष प्रकट करते हुए कोर्ट ने कहा कि 2014 में इस मामले की जांच का भार सीबीआई को सौंपा गया था और अबतक जांच में कोई विशेष प्रगति नहीं हुई। आरोपियों को जमानत भी मिल चुकी है। सीबीआई के अधिवक्ता ने कोर्ट से कहा कि पश्चिम बंगाल पुलिस जांच कार्य में सीबीआई को सहयोग नहीं कर रही है। इसके विपरीत उल्टे सीबीआई अधिकारियों को सम्मन भेजा जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई को सम्मन भेजना ठीक नहीं है। सीबीआई अधिवक्ता ने कोर्ट से शिकायत करते हुए कहा कि बंगाल पुलिस ने सारधा ग्रुप के चेयरमैन सुदीप्त सेन के लैपटॉप आदि सीबीआई को अभी तक सुपुर्द नहीं किए हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को लैपटॉप वगैरह हासिल करने के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट की शरण लेने का निर्देश दिया।

—क्या है सारधा घोटाला?

सारधा घोटाला पश्चिम बंगाल का एक बड़ा आर्थिक घोटाला तथा राजनीतिक काण्ड है। सारधा ग्रुप का चेयरमैन सुदीप्त सेन गिरफ्तार होने के बाद जेल में है और उसकी कंपनी के 34 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है। बंगाल की चिटफंड कंपनी सारधा ग्रुप ने आम लोगों को उनके पैसे को दोगुने करने का झांसा देकर कई लुभावन ऑफर दिए थे। सागौन से जुड़े बॉन्ड्स में निवेश से 25 साल में रकम 34 गुना करने का ऑफर देने सहित आलू के कारोबार में निवेश के जरिए 15 महीने में रकम दोगुना करने का सब्जबाग दिखाया गया। 10 लाख लोगों से पैसे लिए गए और जब रकम लौटाने की बारी आई तो करीब 20 हजार करोड़ रुपए लेकर दफ्तरों पर ताला लगा दिया गया। पश्चिम बंगाल में हुए सारधा चिटफंड घोटाले को देश में हुए बड़े घोटालों में से एक कहा जा सकता है। शारदा घोटाले का खुलासा इस साल की शुरुआत में हुआ था। पश्चिम बंगाल में हुए शारदा चिटफंड घोटाले देश में हुए बड़े घोटालों में से एक कहा जाता है। बंगाल पुलिस और ईडी की संयुक्त जांच रिपोर्ट के मुताबिक इसमें 2,460 करोड़ रुपए तक का घोटाला होने का अनुमान है और 80 फीसदी जमाकर्ताओं को भुगतान किया जाना बाकी। इस ग्रुप की 3 स्कीमों एफडी, आरडी और मंथली इनकम डिपॉजिट स्कीम के जरिए पैसों की हेराफेरी की गई। निवेशकों को 476.57 करोड़ रुपए का ही भुगतान हुआ। निवेशकों की ओर से अब तक 560 शिकायतें दाखिल की गईं।
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