इसमें कहा गया है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष ने एक सितम्बर, 2019 को विधेयक पारित किया था और संबंधित विभाग की जांच के बाद छह नवम्बर को इसे राज्यपाल के पास उनके विचार के लिए भेज दिया गया था। स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय विधेयक 2019 के अनुसार एक विश्वविद्यालय का नाम स्वामी विवेकानंद के नाम पर रखा जाएगा।
विश्वविद्यालय को एक निजी विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जाएगा, जिसे भारतीय ट्रस्ट अधिनियम, 1882 के तहत पंजीकृत एक शैक्षिक और धर्मार्थ ट्रस्ट द्वारा बढ़ावा दिया जाएगा। विश्वविद्यालय का गठन किये जाने का प्रस्ताव मिलने के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने पश्चिम बंगाल राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था।
उच्च शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि समिति ने राज्य सरकार से सिफारिश की थी कि निजी शैक्षणिक ट्रस्ट को प्रस्तावित विश्वविद्यालय स्थापित करने की अनुमति दी जा सकती है जो स्वामी विवेकानंद के आदर्शों और मूल्यों को महत्व देगा। इस संबंध में पारित विधेयक में कहा गया है कि राज्य सरकार (इस प्रस्तावित विश्वविद्यालय) की किसी भी वित्तीय जिम्मेदारी को वहन नहीं करेगी क्योंकि उसे स्व-वित्तपोषित दर्जा दिए जाने की घोषणा की गई है उसे एक निजी विश्वविद्यालय का दर्जा होगा।