टैटू स्टूडियो की बाढ़, सुरक्षा बल की नौकरियों से कट सकता है पत्ता
कोलकाताPublished: Dec 29, 2018 11:11:33 pm
असुरक्षित प्रयोग दे सकता है संक्रामक रोग,कोलकाता में टैटू कारोबार का फैला मकडज़ाल,पुलिस/सेना में प्रतिबंध
टैटू स्टूडियो की बाढ़, सुरक्षा बल की नौकरियों से कट सकता है पत्ता
टैटू स्टूडियो की बाढ़, सुरक्षा बल की नौकरियों से कट सकता है पत्ता
असुरक्षित प्रयोग दे सकता है संक्रामक रोग
राकेश कुमार मिश्रा
कोलकाता. कोलकाता में टैटू का फैशन तेजी से युवाओं में बढ़ रहा है। टैटू के बढ़ते ट्रेंड को देखते हुए पिछले १ साल मे महानगर में टैटू स्टूडियों की बाढ़ आ गई है। चिकित्सकों का मानना है कि असुरक्षित पद्धति से शरीर पर टैटू बनाने से संक्रामक रोग हो सकते हैं। प्रशासन भी इसे लेकर गंभीर नहीं है। वहीं टैटू कारोबार से जुड़े लोग इसे पूरी तरह से सुरक्षित व्यवसाय मानते हैं। जबकि सेना व सुरक्षा बल में टैटू गुदे उम्मीदवारों का प्रवेश निषेध होता है।
एसएसकेएम अस्पताल व मेडिकल कॉलेज के हेमोटोलॉजी विभाग के प्रधान चिकित्सक डॉ प्रशांत चक्रवर्ती के मुताबिक टैटू बनाने वाली सुई के संक्रमित होने से हेपेटाइटिस बी, सी व एचआईवी जैसे जानवेला रोग हो सकते हैं। शरीर पर टैटू गोदवाने के लिए सुई में अमूमन मेटल कलर लगाकर शरीर में प्रवेश कराया जाता है। मेटल कलर के खून में पहुंचने का खतरा बना रहता है।
वहीं संक्रमित सुई से दूसरे के शरीर पर टैटू गोदवाते समय संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
कोलकाता में टैटू कारोबार का फैला मकडज़ाल: एक वर्ष में देशप्रिय पार्क, चितरंजन एवेन्यु, दमदम रोड, मुक्ताराम बाबू स्ट्रीट, बालीगंज रोड, गडिय़ा स्टेशन रोड, कालीघाट, रॉयड स्ट्रीट, एमजी रोड, धर्मतल्ला, रासबिहारी, अलीपुर, साल्टलेक, लेकटाउन, मानिकतल्ला, गडिय़ाहाट, जेएल नेहरू रोड, हो ची मीन सारणी , न्यूटाउन इलाके में दर्जनों टैटू पार्लर खुले हैं।
पुलिस/सेना में प्रतिबंध
सुरक्षा बलों में शामिल होने वाले युवकों के प्रशिक्षण में लाखों रुपए खर्च होते हैं। यदि किसी प्रशिक्षण प्राप्त जवान या अधिकारी को टैटू की वजह से गंभीर बीमारी हो जाए, तो उसकी ट्रेनिंग का खर्च और ऑफिसर्स की मेहनत बेकार हो जाएगी। इसीलिए इससे बचने के लिए सुरक्षा बल भर्तियों में टैटू पर प्रतिबंध लगाते हैं।
क्या कहना है टैटू पार्लरों का
एमजी रोड स्थित शहनाज फैमली सैलून के कर्मी ने बताया कि टैटू की कीमत उसके आकार, शरीर के हिस्से से तय होती है। २ इंच के स्थाई रंगीन टैटू के लिए ४५०० रुपए वहीं इसी आकार के काले रंग के टैटू के लिए ३५०० रुपए लिए जाते हैं। वहीं अस्थाई टैटू का चार्ज अलग होता है। स्थाई टैटू कुछ सालों बाद फेड यानी मटमैला हो जाता है। उसे फिर से चमकीला व आकर्षक दिखने के लिए ग्राहक को थोड़ा खर्च करना पड़ता है।
टैटू पर जीरो टॉलरेंस
&कमिशन्ड अधिकारियों के चयन में टैटू वाले उम्मीदवारों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाती है। इंटरव्यू के लिए आने वाले उम्मीदवारों को फॉर्म भरना पड़ता है, जिसमें उन्हें अपने शरीर पर मौजूद हर टैटू की जानकारी देनी होती है। आदिवासी उम्मीदवारों को उनके रीति-रिवाजों और परंपराओं के मुताबिक बनाए गए टैटू के मामलों में व सेना भर्ती बोर्ड के निश्चित मापदंड के आधार पर ही टैटू को अनुमति दी जाती है।
जसबीर सिंह, रिटायर्ड ,ग्रुप कैप्टन, वायुसेना