बूस्टर डोज की मांग बढ़ी, पूर्ति को लेकर यहां की सरकार परेशान
कोलकाताPublished: Dec 25, 2022 12:27:23 am
विश्व में कोरोना के नए वैरियंट के प्रकोप फैलने की खबर ने पश्चिम बंगाल सरकार की ङ्क्षचता बढ़ा दी है। आतंक फैलने के बीच केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सतर्कता बरतने के लिए प्रतिरोधक पर जोर दे रहा है। लेकिन बंगाल के ७५ प्रतिशत लोगों ने कोरोना की बूस्टर डोज नहीं ली है। सरकार के पास इसका कोई स्टॉक बचा है।


बूस्टर डोज की मांग बढ़ी, पूर्ति को लेकर यहां की सरकार परेशान
सिर्फ २५ प्रतिशत लोगों ने ली है बूस्टर डोज
कोरोना के नए वैरियंट ने बढ़ाई परेशानी कोलकाता. विश्व में कोरोना के नए वैरियंट के प्रकोप फैलने की खबर ने पश्चिम बंगाल सरकार की ङ्क्षचता बढ़ा दी है। आतंक फैलने के बीच केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सतर्कता बरतने के लिए प्रतिरोधक पर जोर दे रहा है। लेकिन बंगाल के ७५ प्रतिशत लोगों ने कोरोना की बूस्टर डोज नहीं ली है। सरकार के पास इसका कोई स्टॉक बचा है। बूस्टर डोज का जो स्टॉक था एक्सपायरी डेट से पहले २०२२ के अगस्त महीने तक दे दिया गया। ऐसे में बूस्टर डोज की मांग बढ़ेने पर उसकी पूर्ति को लेकर ङ्क्षचता जताई जा रही है।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य के सिर्फ २५ प्रतिशत लोगों ने ही बूस्टर डोज ली है। ऐसे में नया वैरियंट के फैलने से ङ्क्षचता हो रही है। इस बारे में हमें केन्द्र पर भी निर्भर होना होगा। केन्द्र सरकार ने अभी तक राज्यों को कोई दिशानिर्देश नहीं दिया है। केन्द्र जो कहेगा हम वैसे ही करेंगे। हम राष्ट्रीय दिशानिर्देश का पालन करेंगे।
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बूस्टर डोज के प्रति जागरूक नहीं थे लोग
स्वास्थ्य विभाग के एक आला अधिकारी ने बताया कि वर्ष २०२२ के प्रारंभ से ही राज्य सरकार लोगों को बूस्टर डोज देने पर जोर दे रही थी। लेकिन लोगों ने इसके प्रति विशेष रुचि नहीं दिखाई। घर-घर जाकर सभी को बूस्टर डोज देना संभव नहीं हो पाया। इस कारण राज्य के सिर्फ २५ प्रतिशत लोगों को बूस्टर डोज देना संभव हो पाया।
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चार प्रतिशत लोगों को कोई डोज नहीं
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सबसे बड़ी ङ्क्षचता राज्य के उन चार प्रतिशत लोगों को लेकर है, जिन्होंने अब तक कोरोना की कोई डोज नहीं ली है। इसके अलावा १६ प्रतिशत ऐसे लोग है, जिन्होंने सिर्फ एक ही डोज ली हैं। राज्य के ९६ प्रतिशत लोगों ने पहली डोज ली है, ८४ प्रतिशत लोगों ने दूसरी डोज ली है।
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अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं
वायरोलॉजिस्ट सिद्धार्थ जवारदार ने बताया कि कोरोना वायरस के कई वैरियंट शरीर में प्रतिरोधक क्षमता को खत्म कर दे रहे हैं। ऐसे में अभी यह पता नहीं चल पाया है कि बूस्टर डोज से शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है या नहीं। फिर भी बुजुर्ग और विभिन्न रोग से ग्रस्त लोगों को बूस्टर डोज लेना बहुत जरूरी है।
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महत्वपूर्ण हथियार प्रतिरोधक
जनस्वास्थ्य विशेषज्ञ अनिर्वान दुलई ने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ाई के लिए सहसे महत्वपूर्ण हथियार प्रतिरोधक है। लेकिन ङ्क्षचता का कारण नहीं है, क्योंकि जो वैरियंट अभी फैल रहे हैं वे ओमिक्रॉन के उप-जाति हैं। जैसे अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि इस पर मौजूदा बूस्टर डोज का १०० प्रतिशत कारगर होगा या नहीं, वैसे से ही यह साफ नहीं हुआ है कि उस पर बूस्टर का असर नहीं होगा। बूस्टर कुछ तो असर कर सकता है।
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कोरोना डोज लेने वालों की संख्या
पहली डोज ७३५२०७४५
दूसरी डोज ६६६९०३३२
बूस्टर डोज १५७३५५६७
स्रोत: पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग