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पूजा कमेटियों को पैसे देने पर रोक की मियाद बढ़ी

locationकोलकाताPublished: Oct 09, 2018 09:25:04 pm

Submitted by:

Rabindra Rai

सुरक्षा कारणों से राज्य की 28 हजार दुर्गापूजा कमेटियों को अनुदान बाबत दस-दस हजार रुपये देने का निर्णय किया

kolkata west bengal

पूजा कमेटियों को पैसे देने पर रोक की मियाद बढ़ी

हाईकोर्ट में ममता सरकार ने बदली दलील, कहा सुरक्षा कारणों से पैसे देने के फैसले
– जनहित याचिका: फैसला दो-तीन दिन में आने की संभावना

कोलकाता
पश्चिम बंगाल सरकार ने अपनी दलील बदलते हुए मंगलवार को कहा कि सुरक्षा कारणों से राज्य की 28 हजार दुर्गापूजा कमेटियों को अनुदान बाबत दस-दस हजार रुपये देने का निर्णय किया गया था। रुपए कमेटियों में बांटे जा चुके हैं। मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में राज्य के महाधिवक्ता किशोर दत्त ने अपनी दलील बदलते हुए यह बात कही। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश देवाशीष करगुप्ता और न्यायाधीश संपा सरकार की खंडपीठ से महाधिवक्ता ने कहा कि सरकार ने पूजा करने के लिए नहीं, सुरक्षा कारणों से पूजा कमेटियों को अनुदान बाबत रुपए देने का निर्णय किया था। हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि जब तक इस मुद्दे पर कोई फैसला नहीं आ जाता तब तक पूजा कमेटियों को रुपए नहीं दिए जा सकेंगे। स्थगनादेश जारी रहेगा। सुनवाई कल और परसो भी जारी रहेगी। इससे पहले गत शुक्रवार को राज्य सरकार ने अदालत को बताया था कि सेफ ड्राइव सेव लाइफ के प्रचार के लिए पूजा कमेटियों को अनुदान बाबत दस-दस हजार रुपए दिये जा रहे हैं। इन रुपए से कमेटियां बैनर-पोस्टर लगाएंगी और जनता को जागरूक करने का प्रयास करेंगी।

महाधिवक्ता दत्त ने दलील दी

महाधिवक्ता दत्त ने दलील दी कि राष्ट्रपति ने सरकारी कोषागार के हिसाब-किताब के लिए महालेखा व नियंत्रण परीक्षक की नियुक्ति कर रखी है। यदि कोई गड़बड़ी होती है तो महालेखा परीक्षक को इसको देखने का अधिकार है। इस सिलसिले में जनहित याचिका पर सुनवाई नहीं होनी चाहिए।

अपना पिछला बयान बदल दिया

सरकार ने हलफनामा दायर कर अपना पिछला बयान बदल दिया। गत 11 सितम्बर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की थी कि 28 हजार दुर्गापूजा कमेटियों को राज्य सरकार अनुदान बाबत दस-दस हजार रुपए देगी। सरकार के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। (विधि संवाददाता)
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