— महाधिवक्ता दत्त ने दलील दी महाधिवक्ता दत्त ने दलील दी कि राष्ट्रपति ने सरकारी कोषागार के हिसाब-किताब के लिए महालेखा व नियंत्रण परीक्षक की नियुक्ति कर रखी है। यदि कोई गड़बड़ी होती है तो महालेखा परीक्षक को इसको देखने का अधिकार है। इस सिलसिले में जनहित याचिका पर सुनवाई नहीं होनी चाहिए।
— अपना पिछला बयान बदल दिया सरकार ने हलफनामा दायर कर अपना पिछला बयान बदल दिया। गत 11 सितम्बर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की थी कि 28 हजार दुर्गापूजा कमेटियों को राज्य सरकार अनुदान बाबत दस-दस हजार रुपए देगी। सरकार के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। (विधि संवाददाता)