scriptThe light of education is destroying this darkness | यह शिक्षा का प्रकाश खत्म कर रहा यह अंधकार | Patrika News

यह शिक्षा का प्रकाश खत्म कर रहा यह अंधकार

locationकोलकाताPublished: Nov 08, 2022 07:14:17 pm

Submitted by:

Rabindra Rai

महिला शिक्षा और शिक्षा के प्रति जागरूकता की मुहिम राज्य के पुरुलिया जिले में रंग ला रही है। यह शिक्षा का प्रकाश कारगर है। पहले जिले में अधिक बाल विवाह हुआ करते थे, वहीं शिक्षा का प्रकाश बाल विवाह के अंधकार को धीरे-धीरे खत्म कर रहा है

यह शिक्षा का प्रकाश खत्म कर रहा यह अंधकार
यह शिक्षा का प्रकाश खत्म कर रहा यह अंधकार
पुरुलिया में 4 वर्ष में 43.7 से घटकर 37 फीसदी पर आया आंकड़ा
जिले में शिक्षा के प्रति जागरूकता की मुहिम ला रही रंग
कोलकाता. महिला शिक्षा और शिक्षा के प्रति जागरूकता की मुहिम राज्य के पुरुलिया जिले में रंग ला रही है। यह शिक्षा का प्रकाश कारगर है। पहले जिले में अधिक बाल विवाह हुआ करते थे, वहीं शिक्षा का प्रकाश बाल विवाह के अंधकार को धीरे-धीरे खत्म कर रहा है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 के अनुसार पुरुलिया में पिछले 4 वर्ष में बाल विवाह में काफी कमी आई है। आंकड़े में पता चला है पुरुलिया में पहले 43.7 फीसदी बाल विवाह हुआ करते थे जो घटकर 37 फीसदी हो गए है। यूनिसेफ ने जिले में वर्ष 2016 से लेकर 2019 लगातार बाल विवाह जागरूकता अभियान चलाया है। पुरुलिया के 10 ब्लॉक और कई नगर पालिकाओं में किशोरियों के लिए हेल्पलाइन चालू की गई है। किशोरी सशक्तिकरण के तहत बाल विवाह पर रोक लगाने का प्रयास जारी है।
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किशोरावस्था में मां बनने के आंकड़े भी घटे
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 के अनुसार पुरुलिया में किशोरावस्था में मां बनने के आंकड़ों में काफी कमी आई हैं। सर्वे की माने तो कम उम्र में मां बनने का आंकड़ा 21.7 फीसदी से घटकर 12 फीसदी आ गया है। यूनिसेफ जैसी संस्था लगातार बाल विवाह की रोकथाम, किशोरावस्था में मां न बनने को लेकर जागरूकता फैला रही है।
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जीवन को विवाह के आगे झुकाना नहीं चाहती
एक ओर जहां लड़कियां अपने करियर को लेकर जागरूक है वहीं उन्हें यह भी समझ है कि किस उम्र में विवाह करना चाहिए। उनका कहना है कि वह अपने जीवन को विवाह के आगे झुकाना नहीं चाहती। किशोरियां खुद कहती हैं कि उन्हें पता है कि 18 साल की होने के पहले विवाह नहीं करना चाहिए। पढऩे वाली बच्चियों को यह समझ आ रहा है कि विवाह कितनी उम्र में होना चाहिए।
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खुद ही रोका अपना विवाह
पुरुलिया में कई मामलों में लड़कियां खुद पुलिस को फोन करके अपना बाल विवाह रुकवाया है। पुरुलिया के गांव की निवासी 17 वर्षीय संपूर्णा मंडल (बदला हुआ नाम) ने बताया कि जब पता चला कि लड़के वाले देखने आ रहे है, तो मैंने ठान लिया था कि वह परिवार और समाज के दबाव के आगे नहीं झुकुंगी। पहले अपनी पढ़ाई पूरी करूंगी
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