25 नवंबर से शुरू हुआ विशेष अभियान जिला स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार 25 नवंबर से विशेष अभियान शुरू हुआ था। एक महीने बाद यह देखा गया कि अभियान शुरू होने से पहले उस ब्लॉक में टीबी रोगियों की संख्या औसतन प्रति माह तीन थी, लेकिन अभियान के दौरान यह संख्या बढक़र नौ हो गई है।
पूरे जिले में अभियान चलाने का फैसला इसके बाद जिला स्वास्थ्य विभाग ने पूरे जिले में अभियान चलाने का फैसला किया है। अभियान जिले के 14 ब्लॉक और हावड़ा और उलुबेडिय़ा नगरपालिकाओं को कवर करेगा। जिला स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि फिलहाल कुल 5 लाख कोरोना संक्रमितों के थूक की जांच की जाएगी।
एक फरवरी से जिले में विशेष अभियान विभाग के अनुसार जगतबल्लवपुर प्रखंड के मॉडल को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने एक फरवरी से जिले में विशेष अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। इस दौरान कई दिनों से खांस रहे सभी कोरोना संक्रमितों के थूक की जांच की जाएगी।
कोरोना और टीबी दोनों में खांसी एक सामान्य लक्षण एक वरिष्ठ जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि कोरोना और टीबी दोनों संक्रमणों में खांसी एक सामान्य लक्षण है। उन्होंने बताया “कोरोना संक्रमित लोगों को भी खांसी होती है, इसलिए वे अब लार जमा नहीं कर रहे हैं।” उन्हें ले जाकर इलाज किया जा रहा है। इस तथ्य के कारण कि तपेदिक के रोगियों की संख्या बहुत कम हो गई है, हमें लगता है कि कोरोना संक्रमित लोगों को भी लार के लिए परीक्षण करने की आवश्यकता है।