इकलौता बंगाल जहां राजनीतिक हिंसा-शाह
कोलकाताPublished: Jun 09, 2020 10:27:56 pm
पश्चिम बंगाल में अगले साल प्रस्तावित विधानसभा चुनाव को लेकर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को आभासी (वर्चुअल) रैली के माध्यम से चुनावी मुहिम शुरू कर दी। कोरोना महामारी, प्रवासी मजदूर, सीएए, गरीबों के अधिकार और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख तथा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बरसते हुए शाह ने कहा कि देश में इकलौता राज्य बंगाल है, जहां राजनीतिक हिंसा का बोलबाला है
इकलौता बंगाल जहां राजनीतिक हिंसा-शाह
आभासी रैली में ममता पर जमकर बरसे गृह मंत्री, कहा
सीएए का विरोध, श्रमिकों की अनदेखी पड़ेगी भारी, बना देगी राजनीतिक शरणार्थी
तृणमूल को बंगाल से बाहर का रास्ता दिखाएगी ‘कोरोना एक्सप्रेसÓ
कोलकाता. पश्चिम बंगाल में अगले साल प्रस्तावित विधानसभा चुनाव को लेकर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को आभासी (वर्चुअल) रैली के माध्यम से चुनावी मुहिम शुरू कर दी। कोरोना महामारी, प्रवासी मजदूर, सीएए, गरीबों के अधिकार और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख तथा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बरसते हुए शाह ने कहा कि देश में इकलौता राज्य बंगाल है, जहां राजनीतिक हिंसा का बोलबाला है। उन्होंने दावा किया कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का विरोध और मजदूरों की अनदेखी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बहुत भारी पड़ेगी और बंगाल की जनता उन्हें राजनीतिक शरणार्थी बना देगी। शाह ने मुख्यमंत्री से 10 साल का हिसाब और सोनार बांग्ला बनाने के लिए जनता से एक मौका मांगा।
नई दिल्ली से डिजिटल रैली को संबोधित कर रहे शाह ने आरोप लगाया कि एकमात्र बंगाल ऐसा राज्य है जहां राजनीतिक हिंसा का बोलबाला है जबकि राजनीतिक हिंसा कहीं भी नहीं होनी चाहिए। अपनी तीसरी आभासी रैली पश्चिम बंगाल जन संवाद में उन्होंने मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला। प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर ममता सरकार को घेरते हुए शाह ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के लिए सबसे कम ट्रेन लेने वाले राज्यों में बंगाल प्रमुख है और इसके कारण श्रमिकों को परेशानियां हुईं। जिस ट्रेन को ‘कोरोना एक्सप्रेसÓ कहा गया, वही ट्रेन तृणमूल कांग्रेस को बंगाल से बाहर निकालने वाली गाड़ी बन जाएगी। मजदूर यह अपमान नहीं भूलेंगे। गृह मंत्री ने संशोधित नागरिकता कानून का ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस द्वारा विरोध किए जाने का जिक्रकरते हुए पूछा कि बांग्लादेश से आए बंगालियों ने आपका क्या बिगाड़ा? उन्हें नागरिकता मिलने से आपको क्या तकलीफ थी ? उन्होंने कहा कि यह विरोध ममता बनर्जी को काफी भारी पड़ेगा और बंगाल की जनता उन्हें राजनीतिक शरणार्थी बनाएगी।
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उपलब्धियां गिनाईं, ममता से मांगा हिसाब
शाह ने मोदी सरकार का लेख-जेखा पेश करते हुए पिछले छह साल में दुनिया में भारत का सम्मान बढ़ाने और जनधन, उज्जवला और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के जरिए 60 करोड़ लोगों के जीवन परिवर्तन करने का दावा किया। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए के अधिकतर प्रावधान हटाने और राम मंदिर के मुद्दे का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि ममता बनर्जी 10 साल के कामकाज का हिसाब दें। मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि काम के हिसाब में कहीं बम के धमाकों, बंद कारखानों और राजनीतिक हिंसाओं में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्याओं की संख्या मत दे दीजिएगा।
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राज्य में अगला सीएम भाजपा का
उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में अगला मुख्यमंत्री भाजपा का होगा, तब यहां आयुष्मान भारत योजना लागू की जाएगी। पश्चिम बंगाल जन संवाद रैली में पूर्व भाजपा अध्यक्ष शाह ने कहा कि कम्युनिस्ट, तृणमूल दोनों को आपने आजमाया है। एक मौका भाजपा को देकर देखें। भ्रष्टाचार नहीं होगा, तोलाबाजी (वसूली) नहीं होगी और बंगाल विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा। सोने का बंगाल बनेगा। शाह ने कहा कि भले ही भाजपा को लोकसभा चुनाव में देश भर में 303 सीटें मिली हैं लेकिन मेरे लिए सर्वाधिक महत्व बंगाल की 18 सीटों पर मिली विजय का है।
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तृणमूल का शाह पर पलटवार
शाह के संस्कारी वाले बयान पर तृणमूल कांग्रेस ने पलटवार किया और विद्यासागर की मूर्ति तोडऩे वाली घटना याद दिलाई। पार्टी ने ट्वीट में लिखा कि अमित शाह, जिसने खुद भारत की समावेशिता को खतरे में डाला, बंगाल के संस्कार की बात कर रहे हैं। क्या उन्हें याद नहीं है कि वो ममता बनर्जी थीं, जिन्होंने विद्यासागर की मूर्ति सही कराई थी, जो उनकी आंखों (अमित शाह) के सामने उनके लोगों ने तोड़ी थी। रैली में शाह ने कहा कि जिस बंगाल में रवीन्द्र संगीत की धुन सुनाई देती थी, वो आज बम धमाकों से दहल रहा है। भाजपा संस्कारी बंगाल बनाना चाहती है।