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मछली बेचने से बने अरबों की संपत्ति के मालिक

locationकोलकाताPublished: Aug 12, 2022 07:32:36 pm

Submitted by:

Ram Naresh Gautam

फिल्मी कहानी से कम नहीं तृणमूल कांग्रेस के बाहुबली नेता की जिंदगी

मछली बेचने से बने अरबों की संपत्ति के मालिक

Anubrata Mondal

Uploaded By : Ram Naresh Gautam

कोलकाता.
मवेशी तस्करी कांड में सीबीआइ के हाथों नाटकीय ढंग से गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस के चर्चित बाहुबली नेता अनुव्रत मंडल की जिंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं। तस्करी मामले में गिरफ्तारी से उनके तीन दशक लंबे राजनीतिक करियर पर खतरा मंडराने लगा है।

वे तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी नेतृत्व के भरोसेमंद माने जाते हैं। उनको करीब से जानने वालों का कहना है कि वे पहले मछलियां बेचा करते थे। वहीं से आगे चलकर तृणमूल के प्रभावशाली नेता बने। फिर अरबों की संपत्ति के मालिक भी हो गए। पिता की किराने की दुकान थी।

अनुव्रत ने महज 8वीं तक की पढ़ाई की। उसके बाद पिता की दुकान संभालने लगे। बाद में दुकान छोड़ मछली व्यवसाय शुरू किया। उसी समय राजनीति में शामिल हुए कांग्रेस से जुड़े। उस समय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कांग्रेस में थीं।


बहुत जल्द ममता के खास लोगों में शुमार

ममता की नजर मंडल पर पड़ी। बहुत जल्द वे ममता के खास लोगों में शुमार हुए। ममता प्यार से उन्हें केष्टो कहकर बुलाती हैं। 1998 में जब तृणमूल कांग्रेस का गठन हुआ तो अनुब्रत भी शामिल हो गए। उस समय तृणमूल के बीरभूम जिलाध्यक्ष चिकित्सक सुशोभन बंद्योपाध्याय थे।

ममता ने अनुब्रत को युवा तृणमूल जिलाध्यक्ष बनाया। कुछ महीने बाद एक विवाद को लेकर सुशोभन ने तृणमूल छोड़ दी तो ममता ने उनकी जगह अनुव्रत को उस पद पर बिठाया। अनुब्रत उस समय से इस पद पर हैं। पंचायत चुनाव से विधानसभा चुनाव तक बीरभूम जिले में कौन पार्टी का उम्मीदवार होगा। ये अनुब्रत से बातचीत किए बिना पार्टी नेतृत्व तय नहीं करता।


परिवार में केवल एक बेटी

अपने बयानों के लिए सुर्खियों में रहने वाले मंडल का जन्म 1960 में बीरभूम जिले में एक किसान परिवार में हुआ। 2019 अप्रेल में उनकी मां पुष्पारानी मंडल का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उसके अगले साल अनुब्रत की पत्नी छवि मंडल की भी कैंसर से मौत हो गई। अनुब्रत के परिवार में अब बस उनकी एकमात्र बेटी सुकन्या है।


हमेशा विवादों में

अपने बेबाक व विवादास्पद बयानों के लिए वे मशहूर हैं। एक बार उन्होंने यह कहकर सनसनी फैला दी थी कि विरोधी दलों के लोगों की कलाई काट देंगे। एक बार पुलिस की गाड़ी पर बम मारने की बात कहकर सबको चौंका दिया था। उनका नाम मार्च में बगतुई में हत्याओं की जांच के दौरान सामने आया था। जब बीरभूम जिले में दो समूहों के बीच प्रतिद्वंद्विता के बाद 8 लोगों को जिंदा जला दिया गया।


अपराधियों को संरक्षण दे रहीं ममता

पश्चिम बंगाल भाजपा के सह प्रभारी अमित मालवीय भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर अनुब्रत मंडल जैसे अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ममता अपनी निगरानी में अपराध और रंगदारी सिंडिकेट चलाने वालों को सुरक्षा मुहैया कराती हैं। उन्होंने अपने पुराने ट्वीट के हवाले से कहा कि ममता बनर्जी अनुब्रत मंडल जैसे अपराधियों को संरक्षण देती हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के रूप में, वे उन लोगों को स्टेट प्रोटेक्शन देती हैं, जो उनकी निगरानी में अपराध और जबरन वसूली सिंडिकेट संचालित करते हैं। पार्थ चटर्जी या अनुब्रत मंडल का मामला भी ममता बनर्जी पर आकर ही रुकता है।


राजनीति का अपराधीकरण ऊपर से

26 मार्च को एक तस्वीर शेयर करते हुए मालवीय ने कहा था कि बंगाल की गृह मंत्री बीरभूम के स्थानीय गुंडे अनुब्रत मंडल को अपनी कार में लेकर क्या संदेश दे रही हैं, जिसके निर्देश पर अनारुल हुसैन ने ऑपरेशन किया, अब उसे रामपुरहाट हत्याकांड के लिए गिरफ्तार किया गया है?


दोषियों को अब गिरफ्तार किया जा रहा: सुकांत

अनुब्रत मंडल को गिरफ्तार किए जाने के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. सुकांत मजूमदार ने ट्वीट किया कि सीएम ममता बनर्जी ने पशु तस्करी मामले में आंखें मूंद ली हैं। धीरे-धीरे, ऐसे जघन्य अपराधों के दोषियों को गिरफ्तार किया जा रहा है। अनुब्रत मंडल वही व्यक्ति हैं जिन्होंने धमकी दी थी कि 2011,14,16 और 19 जैसी पिछली हत्याओं की घटनाओं को फिर दोहराया जाएगा।


गिरफ्तारी से पहले अनुव्रत का इलाका छावनी में तब्दील
बीरभूम जिला तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष अनुव्रत मंडल की गिरफ्तारी को लेकर इलाके में सरगर्मी रही। सीबीआई ने उनकी गिरफ्तारी से पहले गुरुवार सुबह उनके घर के आस-पास को छवनी में तब्दील दिया गया था। बड़ी संख्या में केन्द्रीय बल तैनात किए गए थे।

दरअसल सीबीआइ ने अनुव्रत की गिरफ्तारी की तैयारी बुधवार की आधी रात से शुरू कर दी थी। उसकी जांच टीम रात को ही बोलपुर पहुंच गई थी। सुबह होते ही 9.30 बजे लगभग 100 से अधिक सीआरपीएफ के जवान अनुव्रत के घर पहुंचे और चारों तरफ से उनके घर को घेर लिया। तब वे सो रहे थे। उनके घर के सभी दरवाजे पर ताला लगा था।


सीबीआई अधिकारियों का घर में प्रवेश

सुबह साढ़े दस बजे सीबीआइ के अधिकारियों ने अणुव्रत के घर के बगल वाले गैरेज के गेट से प्रवेश किया, जहां अनुव्रत पार्टी का काम करते थे। सुबह 11 बजे सीबीआइ के अधिकारी घर के अंदर उनकी तलाश कर रहे थे।

अंत में उन्हें पता चला कि वे सो रहे हैं और अंदर से दरवाजा बंद है। अधिकारियों ने उनका दरवाजा खुलवाया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद कोर्ट में पेश करने के लिए उन्हें सीधे आसनसोल ले जाया गया।

सड़कों पर जुटा लोगों का हुजुम
मंडल की गिरफ्तारी की खबर चारों तरफ जंगल में आग की तरह फैल गई। लोग बाहुबली नेता की गिरफ्तारी का नजारा देखने के लिए सड़कों पर आ गए। उनको ले जाते समय कुछ लोगों ने कोयला चोर के नारे लगाए। यही नजारा आसनसोल के कोर्ट परिसर में भी था। लोगों ने कोयला चोर के नारे लगाने के साथ मंडल को चप्पल भी दिखाई।


तेजी से आगे बढ़े
तृणमूल की बीरभूम जिला इकाई के अध्यक्ष और पार्टी की राष्ट्रीय कार्य समिति के सदस्य मंडल (62) राज्य में टीएमसी के 11 वर्षों के शासन के दौरान तेजी से आगे बढ़े। मंडल उन मुट्ठीभर नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने 1998 में तृणमूल कांग्रेस बनाने के लिए ममता बनर्जी के नेतृत्व में पुरानी पार्टी को छोड़ दिया था।

मंडल की मजबूत रणनीति
वर्ष 2014 के लोकसभा और 2016 के विधानसभा चुनावों के दौरान मंडल की मजबूत रणनीति पूरी तरह से प्रदर्शित हुई थी और पार्टी ने कदाचार के आरोपों के बीच जिले में दोनों चुनावों में जीत हासिल की थी। पिछले साल चुनाव बाद हुई हिंसा के आरोपों में भी मंडल का नाम आया था।


खेला होबे को बनाया लोकप्रिय
तृणमूल के खेला होबे नारे को अनुब्रत ने लोकप्रिय बनाया। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यह नारा दिया गया था। उनके मुंह से यह नारा निकलते ही लोकप्रिय हो गया। उसके बाद चुनावी फिजा में खूब गूंजा।

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