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युवा जगा रहे शिक्षा की अलख

locationकोलकाताPublished: Sep 05, 2018 04:31:34 pm

Submitted by:

Vanita Jharkhandi

शिक्षक दिवस पर विशेष- गरीब व फुटपाथी बच्चों को दे रहे हैं शिक्षा
– युवाओं का मकसद शिक्षा ही नहीं सही मार्गदर्शन भी

kolkata west bengal

युवा जगा रहे शिक्षा की अलख

कोलकाता . कहते हैं सबसे बड़ा दान शिक्षा का दान होता है। ऐसे में सिर्फ सरकार के प्रयास से नहीं बल्कि सामूहिक प्रयास से सभी को शिक्षित किया जा सकता है। यह कहना है पेशे से मरीन इंजीनियर सौरभ मिश्रा का। वे बांगुड़ में शशि किरण के नाम से एक संस्था चलाते हैं जिसमें गरीब बच्चों को न सिर्फ शिक्षा दी जाती है बल्कि उनके सम्पूर्ण विकास की ओर भी ध्यान दिया जा रहा है। 26 जनवरी 2015 में शशि किरण की शुरुआत सौरभ ने अकेले की थी उस वक्त सिर्फ 20 बच्चे पढ़ते थे। बच्चों को शनिवार व रविवार को अंग्रेजी व गणित पढ़ाया जाता था पर अब कारवां बढ़ते हुए 10 युवा मित्रों के समूह के प्रयास से सातों दिनों पढ़ाई के साथ ही चित्रकारी, मेहन्दी, सिलाई तथा ब्यूटिशियन सिखाया जाता है ताकि वे आत्मनिर्भर भी बन सके। सौरभ का कहना है कि सड़कों व बस्ती में रहने वाले बच्चों को पढ़ाई का माहौल नहीं मिल पाता और वे नशा आदि करने लगते हैं इसलिए हमने उन्हें शिक्षा देने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। अभी बच्चों की संख्या 35 से अधिक है।

 

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इसी तरह से उत्तर कोलकाता में ऑपरच्युनिटीज फॉर आल के नाम से युवा साथियों ने समूह तैयार किया है और उसके बैनर के तले बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही है। संस्था के महासचिव श्याम कुमार हरिजन ने बताया कि हमने इस वर्ष गरीब बच्चों को शिक्षा देने का काम शुरू किया। बच्चों की संख्या को देखते हुए हमने दो स्थानों पर कोचिंद सेंटर खोला है जहां पर कक्षा 1 से लेकर 7 तक बच्चों को सभी विषय पढ़ाया जाता है। अप्रेल 2018 में महाजाति सदन के निकट मित्रा लेन ब्वाएज क्लब में यह कक्षा शुरू की। इसके साथ ही जुलाई महीने में सिंघी बगान युवक संघ की सहायता से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। दोनों ही जगह कुल 75 से अधिक बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। श्याम ने बताया कि 30 से 40 युवाओं का यह ग्रुप है जो कि इन बच्चों को पढ़ा रहा है। इसमें अध्यक्ष विकास जायसवाल, शिक्षा समिति के अध्यक्ष जीतपाल अटल, कोषाध्यक्ष आदिल रजा सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

ठीक उसी तरह से युवा सोहम पाल जिसने 2014 से मुक्ताकाश के नाम से विवेकानन्द रोड स्थित फुटपाथी बच्चों को लेकर शिक्षा देने का काम शुरू किया। उसके बाद शोभाबाजार स्थित इलाके में भी शिक्षा का काम शुरू किया है। यहां पर बच्चों को शिशु से लकेर 6 तक के बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। शनिवार रविवार को बच्चों को फुटबाल तथा कराटे व चित्रकारी आदि सिखा रहे हैं। सितम्बर महीने से नृत्य की भी कक्षा शुरू की है। यह सभी कक्षाएं नि:शुल्क है। सोहम का कहना है कि इन बच्चों में काफी सारी सम्भावनाएं है पर गरीबी आड़े आ रही है। हमारे सात-आठ लोग इस मुक्ताकाश के जरिए सभी के लिए एक खुला आसमान तलाश रहे हैं। एक ओर युवा खुद के भविष्य को तराशने में लगे है वहीं कुछ लोग खुद के साथ ही गरीब बच्चों के लिए भी बेहतर भविष्य तराशने में जुटे हैं।
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