वहीं पंडाल के अंदर प्रकृति माता के रूप में विराजी मां दुर्गा का विशाल कक्ष बनाया गया है। जहां पक्षियों ने मनुष्यों द्वारा रेडिएशन से बचने के लिए शरण ली है। यहां पूरे कक्ष को शीशे से घेरा गया है, जिसकी वजह से अंदर प्रवेश करते ही मां दुर्गा चारों दिशाओं में दिखाई दे रही हैं। ऊपरी हिस्से में प्रकृति माता ने अपने मासूम जीवों को रहने के लिए घड़ा रूपी बसेरा दिया है। जहां सैकड़ों पक्षियों ने नवजीवन पाया है। वहीं प्रकृति माता रूपी मां दुर्गा अस्त्रविहीन अपने गोद में कई पक्षियों को बिठाई हुई दिखाई दे रही हैं। दुर्गा को प्रकृति माता का रूप देने के लिए प्रतिमा को पूरी तरह काठ से बनाया गया है। थीम को आकर्षित बनाने के लिए लाइटिंग के साथ-साथ अलग-अलग म्यूजिक का इस्तेमाल भी किया गया है।