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आयुष अपहरण कांड में किसी बड़े गिरोह का हो सकता है हाथ

locationकोलकाताPublished: Apr 24, 2019 03:47:48 pm

Submitted by:

Rakesh Mishra

-परिजनों ने जताई आशंका-बेटे ने कभी नहीं मांगी थी कोई बड़ी रकम

kolkata crime news

There may be a big gang in the Aayus Abduction scandal


मध्य कोलकाता निवासी छात्र आयुष भगत के अपहरण मामले में रोज कोई न कोई नई बातें उभर कर सामने आ रही है। उसके परिजनों ने मंगलवार को आशंका जाहिर करते हुए बताया कि आयुष अपहरणकांड में जरूर किसी बड़े गिरोह का हाथ हो सकता है। क्योंकि मीडिया में जो बातें सामने आ रही है, वह उनके गले नहीं उतर रही है। मीडिया से ही उनको पता चला कि आयुष को फिल्मी हीरो बनने का शौक था। इसलिए उसने अपने मामा के साथ मिलकर अपहरण की साजिश रची थी। अगर हीरो बनने वाली बात सच होती, तो अवश्य उनको भी पता होता। लेकिन आयुष ने कभी भी इस संबंध में उनसे चर्चा नहीं की थी। बहरहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। देखा जाए परिणाम क्या निकलता है?
किशोर के पिता देवराज भगत से जब इस अपहरणकांड के बारे में बातचीत की गई, तो उन्होंने आशंका जाहिर करते हुए कहा कि इसमें जरूर किसी बड़े गिरोह का हाथ हो सकता है। उन्होंने बताया कि कोलकाता पुलिस की जांच पर उन्हें पूरा भरोसा है।
देवराज ने बताया कि उनके बेटे ने कभी भी भोजपुरी फिल्म में हीरो बनने की इच्छा परिवार के किसी भी सदस्य से जाहिर नहीं की थी। उन्हें भी मीडिया से इसकी जानकारी मिली। इसमें कितनी सच्चाई है, यह तो पुलिस की जांच पर निर्भर करता है। लेकिन फिल्मी हीरो बनने की कहानी से उन्हें कुछ संदेह हो रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि आयुष का अपने छोटे मामा मनीष चौरसीया के साथ खूब पटती थी। दोनों में अक्सर फोन पर बातें होती रहती थी। दोनों मिलकर इस तरह का षडयंत्र रचेंगे। इस पर उनको कम भरोसा हो रहा है।
धमकी देने के तौर-तरीके से संदेह गहराया
देवराज के मुताबिक फोन पर १५ लाख रुपए फिरौती मांगने वाला युवक जिस तरीके से उन्हें धमकी दे रहा था, उससे जाहिर होता है कि वह निश्चित तौर पर किसी बड़े गिरोह से जुड़ा है। आरोपी मनीष चौरसीया के बड़े भाई हृदय चौरसीया ने छोटे भाई के इस करतूत को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उसका कहना है कि वह और मनीष मिलकर गांव में मोबाइल फोन की दुकान चलाते हैं। मनीष ऐसा करेगा, यह उसने कभी नहीं सोचा था। भाई के इस करतूत से उसके परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल हो गई है।
***** को रुपए से भरा बैग के साथ देखा
देवराज के मुताबिक वे और उनके छोटे भाई पैसे देने के लिए झाझा गए थे। अपहर्ताओं ने उन्होंने झाझा स्टेशन के पास कारशेड में रुपए लेकर आने को कहा था। कारशेड में रुपए से भारा बैग रख कर वे और उसके भाई झाझा स्टेशन की ओर जाने लगे। इस दौरान वे एक चाय की दुकान पर रुक गए। तभी वहां उसका छोटा ***** और उसके साथ एक अपरिचित युवक नजर आए। उसके ***** के कंधे पर ही रुपए वाला बैग था। यह देख मामले को समझने में देर नहीं लगी। उन लोगों ने ***** और उसके दोस्त को वहीं पकड़ लिया और अपनी मदद के लिए स्थानीय लोगों को बुलाया। तब उनके साथ पुलिस नहीं थी। बाद में पुलिसवाले आकर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिए।
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