scriptmove: भाजपा को रोकने यह बड़ा कदम उठा सकती हैं ये पार्टियां | These parties can take this big step to stop BJP | Patrika News

move: भाजपा को रोकने यह बड़ा कदम उठा सकती हैं ये पार्टियां

locationकोलकाताPublished: Aug 13, 2019 04:34:55 pm

Submitted by:

Rabindra Rai

Lok Sabha Elections मेंWest Bengal में bjp को 18 सीटें मिलने के बाद Ruling Trinamool Congress के तो होश उड़ गए हैं, Congress भी तीसरे पायदान पर चले जाने से कम परेशान नहीं है। दोनों पार्टियां किसी भी कीमत पर bjp को रोकना चाहती हैं।

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move: भाजपा को रोकने यह बड़ा कदम उठा सकती हैं ये पार्टियां

कोलकाता. लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में भाजपा को १८ सीटें मिलने के बाद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के तो होश उड़ गए हैं, कांग्रेस भी तीसरे पायदान पर चले जाने से कम परेशान नहीं है। दोनों पार्टियां किसी भी कीमत पर भाजपा को रोकना चाहती हैं। एक तरफ जहां तृणमूल कांग्रेस ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की सेवा पहले ही ले ली है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ 2021 में पश्चिम बंगाल में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में गठबंधन की संभावना को तलाशना शुरू कर दिया है। दोनों पार्टियों के नेताओं ने एक दूसरे से अनौपचारिक बातचीत शुरू की है, ताकि राज्य में भारतीय जनता पार्टी के बढ़ते कदम को रोका जा सके। दोनों पार्टियां राज्य में भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए गठबंधन समेत तमाम संभावनाएं तलाश रही हैं। हालांकि, इसपर अंतिम फैसला कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी को लेना है।
संसद के बजट सत्र के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और लोकसभा के तृणमूल के मुख्य सचेतक कल्याण बनर्जी के बीच करीब 30 मिनट तक बातचीत हुई। इस दौरान राहुल गांधी ने कल्याण बनर्जी ने पूछा कि राज्य में वे मुख्य विरोधी किसे मानते हैं। राहुल गांधी ने इस दौरान टीएमसी और कांग्रेस के साथ आने की संभावनाओं पर भी बात की।

तब किया था गठबंधन
इसी मुद्दे पर तृणमूल के लोकसभा नेता सुदीप बंद्योपाध्याय और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के बीच एक और अनौपचारिक बातचीत हुई। इस बात की जानकारी नाम ना बताने की शर्त पर इनके करीबियों ने दी। बता दें कि माकपा के नेतृत्व वाले वाम दलों ने भारत-अमेरिका परमाणु समझौते को लेकर यूपीए सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था जिसके बाद कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने 2009 में गठबंधन किया। दोनों दलों ने साल 2011 का विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ा, लेकिन 2013 में कई मुद्दों पर असहमतियों के बाद दोनों के रास्ते अलग हो गए।

अधीर को दिया गया खास निर्देश
वहीं, राहुल गांधी के बातचीत के मुद्दे पर कल्याण बनर्जी ने कहा कि मैंने उनसे कहा कि कांग्रेस की तरह हम भी भाजपा को मुख्य विरोधी के रूप में देखते हैं। लेकिन मैंने उनसे यह भी कहा कि वे सहयोग बढ़ाने के इच्छुक हैं लेकिन अधीर रंजन चौधरी और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सोमेन मित्रा सहित कई अन्य टीएमसी के खिलाफ हैं। इस बाबत, कुछ वरिष्ठ नेताओं की तरफ से कहा गया कि चौधरी को ममता बनर्जी और टीएमसी के प्रति नर्म रवैया दिखाने का संदेश दिया गया है। वहीं, अर्थशास्त्री प्रसेनजीत बोस कहते हैं कि दोनों दलों के लिए अस्तित्व के लिए ये समझौता होने की संभावना है, लेकिन ये गठबंधन पश्चिम बंगाल में भाजपा के बढ़ते कदम को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं कहा जा सकता है।

इसलिए साथ आना चाहते हैं दोनों दल
एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी को पश्चिम बंगाल में चुनावी रणनीति पर फिर से विचार करना होगा। उन्होंने कहा कि 2016 में विधानसभा चुनावों में, हमने वाम दलों के साथ गठबंधन किया था, लेकिन अब वामदल की कोई ताकत नहीं रही, हमें यह भी स्वीकार करना होगा कि राज्य में भाजपा का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस अकेले काफी नहीं है। इस मामले में जानकारों का कहना है कि राहुल गांधी की पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भरोसेमंद कल्याण बनर्जी के साथ बातचीत दोनों पक्षों की इस मुद्दे पर दिलचस्पी का नतीजा है। ममता बनर्जी के करीबी दो नेताओं के अनुसार, टीएमसी प्रमुख ने भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से बातचीत के दरवाजे खुले रखे हैं।
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