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Youth entrepreneur and economic Slowdown : ऐसे आएगी गिरती भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी

locationकोलकाताPublished: Jan 20, 2020 11:08:02 pm

Submitted by:

Manoj Singh

भारतीय अर्थव्यवस्था में आई मंदी देश और केन्द्र सरकार के लिए सिर दर्द बनी हुई है। सवाल है कि क्या वर्ष 2020 में ढलान पर जा रही भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार आएगी। मंदी से उबरने के लिए सरकार उद्यमियों और आर्थिक मामलों के विशेषज्ञों के साथ विचार कर रही है। इस बारे में युवा उद्यमी सरकार को क्या सुझा रहे हैं। क्या कर सरलीकरण ही औद्योगिक विकास का मूल मंत्र

Youth entrepreneur and economic Slowdown : ऐसे आएगी गिरती भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी

Youth entrepreneur and economic Slowdown : ऐसे आएगी गिरती भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी

राजस्थान पत्रिका की ओर से युवा उद्यमियों की दूरदर्शिता अपने पाठकों को साझा करने के लिए शुरू की गई श्रृंखला में आज उद्यमी आयुष गोयल ने अपनी बातें साझा कीं। कर सलाह फर्म चला रहे युवा उद्यमी आयुष कोलकाता के प्रवासी राजस्थानी है। वे चार्टर्ड अकाउंटेंसी फर्म बीएएस एण्ड को. एलएलपी के पार्टनर हैं। पत्रिका के मनोज कुमार सिंह ने उनसे औद्योगिक और आर्थिक संबंधित कई मुद्दों पर बातचीत की। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश। युवा उद्यमियों की वाणी-25

कोलकाता .
चार्टर्ड अकाउंटेंसी फर्म या टैक्स कंसल्टेंसी फर्मों का कारोबार उद्योग -धंधों की सेहत पर निर्भर हैं। उद्यमी आयुष गोयल उद्योग और कारोबार को मंदी से उबारने और राजस्व उगाही बढ़ाने के लिए कर सरलीकरण और आयकर कानूनों में सुधार करने की सलाह दे रहे हैं।

वे कहते हैं कि केन्द्र सरकार नए-नए कर और कंपनी कानून और नीतियां ला रही हैं। यह कर सलाहकार फर्म और उद्योग के लिए चुनौती वाला समय है। बिना तैयारी के जीएसटी और नए कॉरपोरेट कानून लागू करने से उद्योग में ठहराव आया है। उद्यमियों में डर है। वे अनुपालन में ही सीमित हैं और उद्योग ठहर गया है।

आयुष कहते हैं कि करों का सरलीकरण ही औद्योगिक विकास का मूल मंत्र है। कर उद्योग के लिए आतंक नहीं बनने देना चाहिए। राजस्व बढ़ाने के लिए सरकार को आयकर संग्रह से फोकस हटा कर उद्यमियों से मिल कर कर कानून लागू करना चाहिए। आयकर कानून में सुधार की जरूरत है। 14ए, 50सी और 147 जैसे अन्य आयकर धाराओं में सुधार होना चाहिए।
बजट से उम्मीद

आयुष कहते हैं कि इस बार केन्द्रीय बजट में आयकर कानूनों के सरलीकरण करने की दिशा में घोषणा करनी चाहिए। इसके साथ ही आयकर संबंधित चल रहे मामलों के निपटारे के लिए भी पहल होनी चाहिए। इसके लिए वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) की तरह सरकार को इस बजट में टैक्स डिस्पुट रेजुलेशन स्कीम लानर चाहिए, जिसमें आयकर से संबंधित लंबित मामले के निपटारे के प्रावधान हो।
स्टार्टअप भारतीय अर्थव्यवस्था का भविष्य
आयुष कहते हैं कि स्टार्टअप भारत का भविष्य है। युवा वर्ग और युवा उद्यमियों को देश में शुरू हुए स्टार्टअप आंदोलन से जुडऩा और इसका भागीदार बनना चाहिए। इससे देश की अर्थव्यवस्था में उछाल आएगा। स्टार्टअप आंदोलन को तेज करने के लिए राज्य और केन्द्र, दोनों सरकारों को बढ़ावा देना चाहिए।

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