scriptपरिवार के एक सदस्य से दूसरे में ज्यादा तेजी से फैलता है यह स्ट्रेन | This strain more rapidly from one member of the family to another | Patrika News

परिवार के एक सदस्य से दूसरे में ज्यादा तेजी से फैलता है यह स्ट्रेन

locationकोलकाताPublished: Jun 13, 2021 06:54:10 pm

Submitted by:

Ram Naresh Gautam

कोरोना के डेल्टा वैरिएंट पर स्टडी: अल्फा के मुकाबले 64 फीसदी ज्यादा संक्रामक

परिवार के एक सदस्य से दूसरे में ज्यादा तेजी से फैलता है यह स्ट्रेन

परिवार के एक सदस्य से दूसरे में ज्यादा तेजी से फैलता है यह स्ट्रेन

कोलकाता. कोरोना के डेल्टा वैरिएंट (बी.1.617.2) को लेकर एक अहम जानकारी सामने आई है। यह घर के माहौल में ज्यादा फैलता है।

पिछली लहर की तुलना में इस बार एक ही परिवार के कई सदस्यों के संक्रमित होने की यह मुख्य वजह है। ब्रिटेन की गवर्नमेंट हेल्थ ऑर्गनाइजेशन पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) ने इस बात का पता लगाया है।
कोरोना के इस वैरिएंट का सबसे पहले भारत में पता चला था। स्टडी के अनुसार, कोरोना के अन्य वैरिएंट ज्यादातर घर में एक सदस्य को संक्रमित करते हैं।

वहीं, डेल्टा वैरिएंट ज्यादा लोगों को संक्रमित करता है। इसी के कारण से इस बार एक ही परिवार में कई सदस्य संक्रमित हुए। देश के कई हिस्सों में डेल्टा वैरिएंट ने कोरोना की दूसरी लहर को हवा दी। इनमें दक्षिण के राज्य शामिल हैं ।

दिल्ली के कोरोना मामलों में 60 फीसदी में पाया गया खतरनाक डेल्टा
पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने घर के माहौल में डेल्टा वैरिएंट की तुलना अल्फा वैरिएंट (बी.1.1.7) के साथ की। अल्फा वैरिएंट सबसे पहले ब्रिटेन में मिला था। यह भी कोरोना का खतरनाक वैरिएंट है।
पीएचई की स्टडी शुक्रवार को जारी हुई। इसमें कहा गया कि अपने अध्ययन में हमने कोरोना के घरों में फैलने का अध्ययन किया है।

इसमें अल्फा वैरिएंट की तुलना डेल्टा वैरिएंट से की गई है। स्टडी से पता चला है कि डेल्टा वैरिएंट के ज्यादा तेजी से फैलने में घरेलू माहौल काफी अहम है।

वैक्सीनेशन है कारगर
अध्ययन के मुताबिक, डेल्टा वैरिएंट के कारण घरों में 64 फीसदी ज्यादा कोरोना फैला। इसका समाज पर व्यापक असर पड़ा।

कोरोना की दूसरी लहर भारत के लिए काफी खतरनाक साबित हुई। कोरोना के रूप बदलने से मुश्किलें और बढ़ गईं। अच्छी बात यह है कि वैक्सीनेशन इन वैरिएंट से सुरक्षा प्रदान करता है।
यहां तक संक्रमण होने पर भी बीमारी गंभीर रूप नहीं लेती है। इससे अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ती है।


क्या है बचाव
परिवार में किसी के कोरोना पॉजिटिव हो जाने पर घर में मास्क पहनें। वैक्सीनेशन के बाद कोरोना के लक्षण दिखने पर खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए। किसी सदस्य को कोरोना होने पर घर में एक साथ बैठने से बचें। कोरोना के प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करें।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो