सूत्रों के अनुसार बुधवार को प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय चुनाव आयुक्त और अन्य अधिकारियों से मुलाकात कर सकता है। प्रतिनिधिमंडल राज्य प्रशासन की ओर से तैयार की गई नई रिपोर्ट केंद्रीय चुनाव आयोग को सौपेंगा। चुनाव अधिकारियों को यह समझाया जाएगा कि बंगाल में राज्य पुलिस और कोलकाता पुलिस चुनाव कराने में सक्षम है। ऐसे में बहुत अधिक संख्या में केंद्रीय बलों की तैनाती की जरूरत नहीं है।
लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा से पूर्व से ही भाजपा ने बंगाल में गत पंचायत चुनाव में हुई हिंसक घटनाओं का हवाला देते हुए राज्य को अतिसंवेदनशील घोषित करने की मांग रखी थी। गत शनिवार को केंद्रीय उप-निर्वाचन आयुक्त सुदीप जैन के राज्य दौरे में विपक्षी पाटिर्यों ने राज्य को अतिसंवदेनशील घोषित कर चुनाव की पूरी प्रक्रिया केंद्रीय सेनाबलों की निगरानी में कराने की मांग की थी। उसके बाद से ही राज्य के विभिन्न जिलों में केन्द्रीय बलों का आना शुरू हो गया है और उनका रूट मार्च भी शुरू हो गया है।