——-व्यापारियों की जुबानी–वादे तो होते ही हैं जुमले कोलकाता को जहां तक स्मार्ट सिटी बनाने का सवाल है, तो नेताओं के वादों का क्या? वादे तो होते ही हैं जुमले। जनता को गुमराह करने के लिए। ९५ प्रतिशत व्यापारी अतिक्रमण से त्रस्त हैं। सबसे पहले तो यहां की आधारभूत संरचनाओं और विकास, साफ-सफाई पर सरकार ध्यान दे फिर स्मार्ट सिटी की बात करे।—अजय रंगा, व्यापारी प्रवासी राजस्थानी.
—————लाइट लगी, पर साफ-सफाई नदारद कोलकाता में काम तो कुछ हुआ, पर जैसा होना चाहिए वैसा नहीं हुआ जो दुखद है। खासकर बड़ाबाजार की हालत जस की तस है। अतिक्रमण बरकार है, लाइट लगी, पर साफ-सफाई नदारद। भला ऐसे हाल में स्मार्ट सिटी कैसे और कब होगा? यह विचारना होगा हमारे राजनेताओं को। कोई भी सरकार आए लेकिन अतिक्रमण ऐसे ही रहेगा।—दीपक सिंह, व्यापारी
—————सबसे बड़ी समस्या अतिक्रमण सबसे बड़ी समस्या अतिक्रमण की है। लगता ही नहीं कि रोड के किनारे फुटपाथ है कि फुटपाथ पर रोड। कोई भी दल हो, या कोई जनप्रतिनिधि सभी इस समस्या से बेखबर हैं। किसी को आम नागरिकों की तकलीफों से कोई लेना-देना नहीं।–हीरालाल यादव, व्यापारी