script‘निर्दोष को सजा जघन्य अपराध ’ | to punish innocent is a henious crime ----muni kamlesh | Patrika News

‘निर्दोष को सजा जघन्य अपराध ’

locationकोलकाताPublished: Oct 09, 2018 09:01:03 pm

Submitted by:

Shishir Sharan Rahi

मुनि कमलेश की महावीर सदन में धर्मसभा

kolkata

‘निर्दोष को सजा जघन्य अपराध ’


कोलकाता. सभी समाज में सभी प्रकार के लोग होते हैं और एक के दोषी होने पर निर्दोष को सजा देना जघन्य अपराध है। किसी भी एक व्यक्ति के अच्छा व्यवहार न करने पर उसकी संपूर्ण जाति, धर्म, प्रांत के लोगों को कटघरे में खड़ा करना, हीन निगाह से देखना, दुर्भावना से यातना देना, शैतान बनकर परिवारों को उजाड़ देना घोर अज्ञानता का प्रतीक है। राष्ट्रसंत कमलमुनि कमलेश ने मंगलवार को महावीर सदन में धर्मसभा को संबोधित करते हुए यह बात कही। मुनि ने कहा कि उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री रूपानी को भेजे अपने संदेश में स्पष्ट कहा है कि मानवीय संवेदना की समरसता बनी रहनी चाहिए और एक भी व्यक्ति का पलायन राज्य सरकार के ऊपर कलंक होगा। उन्होंने कहा कि जाति, धर्म, पंथ और संप्रदाय की संकीर्ण मानसिकता से ऊपर उठकर संपूर्ण मानव समाज की रक्षा का संकल्प लेना आज के समय की मांग है। सभी संगठित होंगे तभी सफलता संभव है। अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच दिल्ली शाखा ने गुजरात से पलायन होने वाले परिवारों को संरक्षण, सेवा और सहयोग का संकल्प लिया है। कौशल मुनि ने मंगलाचरण और घनश्याम मुनि ने विचार व्यक्त किए।
क्या है मामला?
गुजरात के साबरकांठा में 14 महीने की एक बच्ची से दुष्कर्म के आरोप में बिहार के युवक की गिरफ्तारी की गई और इसके बाद से वहां गैर-गुजरातियों, खासकर बिहार व उत्तर प्रदेश के लोगों पर हमले हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग बड़ी संख्या में गुजरात से पलायन कर रहे हैं। गुजरात में अन्य प्रांतों से आए करीब 80 लाख श्रमिक कार्यरत हैं जो हीरा, कपडा, टाइल्स, केमिकल, ऑटो, फार्मा व लघु यूनिटों में काम करते हैं। सूरत में 20 लाख, अहमदाबाद में 17 लाख, मोरबी में 3 लाख, मेहसाणा में 2 लाख से अधिक श्रमिक कार्यरत हैं। इनके पलायन से वहां की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है। हमले के भय से 10 से 40 प्रतिशत श्रमिक काम छोडकर चले गए, जिससे कई फैक्ट्रियों के काम बंद हो गए हैं। गुजरात चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष जैमिन वसा ने मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल गृह राज्यमंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा से मुलाकात कर अन्य प्रांत के लोगों पर हमले की घटनाओं पर अंकुश लगाने की मांग की। इस बीच पुलिस-प्रशासन ने स्थिति पर नियंत्रण के उपाय के तहत औद्योगिक इकाईयों को सुरक्षा मुहैया कराई गई है। एसआरपी के जवान भी संवेदनशील इलाकों में तैनात किए गए हैं। गुजरात के मुख्य सचिव डॉ. जेएन सिंह ने कहा कि किसी को भी हमले की आशंका से राज्य छोडकर जाने की जरूरत नहीं है।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शिवानंद झा ने कहा कि हिंसक घटनाओं से निपटने के लिए पुलिस ने एक्शन प्लान बनाया है। एसआरपी की 17 कंपनियां संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात की गई है। उनका दावा है कि अफवाह फैलाने वालों की पहचान कर ली गई है। गैर-गुजराती निवास क्षेत्रों और उन कारखानों में जहां वे काम करते हैं, सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस ने इन इलाकों में गश्त भी बढ़ा दी है। मुख्य रूप से 6 जिले (हिंसा से) प्रभावित हुए हैं। मेहसाणा और साबरकांठा सबसे अधिक प्रभावित हुए है। इन जिलों में, 42 मामले दर्ज हुए हैं और अब तक 342 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने के लिए भी दो मामले दर्ज किये गये हैं।
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