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Excellent Engineering: यहां पानी में दौड़ेगी ट्रेन

locationकोलकाताPublished: Aug 08, 2019 06:03:41 pm

Submitted by:

Rabindra Rai

जल्द ही देश में Under water train चलाने का सपना साकार होने वाला है। जी हां यहां जमीन पर तो ट्रेन चलेगी ही, पानी में भी ट्रेन दौड़ेगी। India’s first underwater train शीघ्र ही कोलकाता में हुगली river के नीचे चलना आरंभ होगी।

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Excellent Engineering: यहां पानी में दौड़ेगी ट्रेन

कोलकाता. जल्द ही देश में अंडर वॉटर ट्रेन चलाने का सपना साकार होने वाला है। जी हां यहां जमीन पर तो ट्रेन चलेगी ही, पानी में भी ट्रेन दौड़ेगी। भारत की पहली अंडर वॉटर ट्रेन शीघ्र ही कोलकाता में हुगली नदी के नीचे चलना आरंभ होगी। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को ट्वीट पर यह जानकारी देते हुए बताया कि यह उत्कृष्ट इंजीनियरिंग का उदाहरण है। यह ट्रेन देश में निरंतर हो रही रेलवे की प्रगति का प्रतीक है। इसके बनने से कोलकाता वासियों को सुविधा मिलेगी और देश को गर्व का अनुभव होगा। कोलकाता मेट्रो की इस नई लाइन के फेज-1 पर जल्द ही मेट्रो सेवा शुरू होने जा रही है। सॉल्टलेक सेक्टर-5 से सॉल्ट लेक स्टेडियम यानी करीब 5 किलोमीटर लंबी इस मेट्रो लाइन पर कमिश्नर रेलवे सेफ्टी की जांच पूरी हो चुकी है। उम्मीद है कि जल्द ही इसे मंजूरी मिल जाएगी। इसके बाद इस सेक्शन पर मेट्रो की सेवाएं आम लोगों के लिए शुरू की जाएंगी।
पीयूष गोयल ने कहा कि भारतीय रेल के अंतर्गत कार्य करने वाली कोलकाता मेट्रो ने देश की पहली ऐसी ट्रांसपोर्ट टनल बनाई है जो नदी के अंदर से होकर गुजरेगी। यह टनल विश्व की सर्वोत्कृष्ट तकनीक से बनाई गई है। इस प्रोजेक्ट पर साल 2009 से काम चल रहा है। मौजूदा रेलमंत्री पीयूष गोयल के कार्यकाल में भी ये काम काफी तेजी से हो रहा है। उम्मीद की जा रही है कि 2021 में यह पूरी लाइन शुरू हो जाएगी। इसी लाइन पर भारतीय रेल के हावड़ा और सियालदह जैसे बड़े स्टेशन मौजूद हैं।

नदी के नीचे दोहरी सुरंग
देश की पहली अंडरवाटर टनल कोलकाता में हुगली नदी के नीचे बन रही है। कोलकाता मेट्रो के दूसरे चरण के तहत तहत इस सुरंग का निर्माण जापान के सहयोग से भारतीय रेल द्वारा किया जा रहा है। इसके पूरा होने पर कोलकाता का नाम दुनिया के उन चुनिंदा महानगरों में शामिल हो जाएगा जहां मेट्रो की लाइन नदी के नीचे से गुजरी है।
रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार हुगली नदी के नीचे बनाई जा रही दोहरी सुरंग की लंबाई 520 मीटर है। प्रत्येक टनल का भीतरी व्यास साढ़े 5.55 मीटर तथा दीवार की मोटाई 275 मिलीमीटर है। ये नदी की तलहटी से 13 मीटर नीचे हैं। एक सुरंग का काम 21 अप्रेल, 2016 को तथा दूसरी का 12 जुलाई को हावड़ा मैदान से प्रारंभ हुआ था। लेकिन विभिन्न अड़चनों के कारण इन्हें नदी तक पहुंचने में वक्त लग गया।

जुड़ेंगे हावड़ा और सियालदह स्टेशन
हुगली टनल पूरा होने से नदी के पश्चिमी ओर स्थित हावड़ा स्टेशन पूर्व में स्थित महाकरन, सियालदह, फूल बागान, साल्टलेक स्टेडियम, बंगाल केमिकल्स, सिटी सेंटर, सेंट्रल पार्क, करुणामई और साल्ट लेक सेक्टर-5 स्टेशनों से जुड़े जाएंगे। इन स्टेशनों के बीच रोजाना हजारों कोलकाता वासियों का आवागमन होता है। हावड़ा और सियालदह स्टेशनों के बीच मेट्रो संपर्क स्थापित होने से उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना तथा नदिया जिले के हजारों यात्रियों का दैनिक सफर आसान हो जाएगा।

जापान का सहयोग
कोलकाता मेट्रो रेल के दूसरे चरण की परियोजना जापान के सहयोग से पूरी की जा रही है। इस पर आने वाली लगभग 5000 करोड़ रुपये की लागत जापान बैंक आफ इंटरनेशनल कोआपरेशन (जेबीआइसी) के वित्तीय सहयोग से पूरी की जा रही है। दूसरा चरण लगभग 16.34 किलोमीटर लंबा है। इसमें कुल 12 स्टेशनों का निर्माण होगा। इनमें आधे जमीन के भीतर तथा आधे खंभों पर (एलीवेटेड) होंगे।

भारत का पहला मेट्रो रेल सिस्टम
कोलकाता मेट्रो भारत का पहला मेट्रो रेल सिस्टम है। इसकी शुरुआत 24 अक्टूबर 1984 को हुई थी। शुरुआत में इसे केवल 3.4 किलोमीटर के हिस्से में शुरू किया गया था। 29 दिसंबर 2010 को कोलकाता मेट्रो भारतीय रेलवे के 17वें जोन के रुप में शामिल हो गई जो रेल मंत्रालय के तहत आता है। कोलकाता मेट्रो को बनाने का विचार सन 1950 में ही पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री विधान चन्द्र रॉय के दिमाग में आया था।
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