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दार्जिलिंग मामले में केन्द्र बुलाए त्रिपक्षीय बैठक : तमांग

locationकोलकाताPublished: Oct 16, 2017 10:05:36 pm

गोरखा टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) के कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए विमल तमांग ने रविवार को राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से यहां राजभवन में मुलाकात की

Vimal Tamang

कोलकाता . गोरखा टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) के कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए विमल तमांग ने रविवार को राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से यहां राजभवन में मुलाकात की। पहाड़ में केन्द्र सरकार से हस्तक्षेप का आग्रह किया।


केन्द्र सरकार से त्रिपक्षीय बैठक कराने की मांग की। राज्यपाल से मिलने के बाद बाहर आए तमांग से संवाददाताओं ने पूछा कि केन्द्र की ओर से त्रिपक्षीय बैठक बुलाए जाने पर उसमें गुरुंग हिस्सा लेंगे तो वे क्या करेंगे। जवाब में तमांग ने कहा कि गुरुंग देशद्रोह के आरोपी हैं। इसलिए वे केन्द्र की ओर से बुलाई जाने वाली त्रिपक्षीय बैठक में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। गुरुंग ने बताया कि उन्होंने राज्यपाल से दार्जिलिंग में हुए बम विस्फोट, हथियारों और विस्फोटकों का जखीरा बरामद किए जाने की घटनाओं का जिक्र किया है।

उन्होंने राज्यपाल से आग्रह किया कि वे पहाड़ पर शान्ति कायम करने के लिए केन्द्र सरकार से दार्जिलिंग के मामले में हस्तक्षेप करने की बात कहें। राज्यपाल से मिलने से पहले तमांग ने शनिवार को राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी। तमांग सोमवार को फिर से ममता बनर्जी से मिलने वाले हैं।

124 दिनों बाद ट्वाय ट्रेन शुरू
गोरखालैंड आंदोलन के कारण 124 दिनों तक बंद रहने के बाद रविवार को ट्वाय ट्रेन का परिचालन दोबारा शुरू हुआ। दार्जिलिंग हिमालय रेलवे के अनुसार ट्वाय ट्रेन का परिचालन बंद होने से रेलवे को करीब ढाई करोड़ का आर्थिक नुकसान हुआ है। गोरखालैंड आंदोलन के कारण 12 जून से ट्वाय ट्रेन का परिचालन बंद था।

14 अक्टूबर तक ट्वाय ट्रेन को ढाई करोड़ का नुकसान पहुंचा। इसके अलावा, रेल स्टेशन व डीएचआर कार्यालय में आगजनी से भी रेलवे को भारी नुकसान हुआ है। सिलीगुड़ी जंक्शन से रविवार की सुबह विधिवत रूप से ट्वाय ट्रेन को रवाना किया गया।

सिलीगुड़ी जंक्शन से सुकना स्टेशन तक पहुंचकर वहां से ट्वाय ट्रेन वापस सिलीगुड़ी जंक्शन लौट आई। दार्जिलिंग हिमालय रेलवे के डायरेक्टर एमके नार्जारी ने बताया कि पहले चरण में सुकना तक ट्वाय ट्रेन चलाई जा रही है। 25 अक्टूबर तक ट्वाय ट्रेन का परिचालन ऐसा ही रहेगा। इसके बाद रंगटंग तक इसका विस्तार किया जाएगा।


उन्होंने बताया कि गोरखालैंड आंदोलन के दौरान रेलव ट्रैक व डीएचआर कार्यालय में हुए नुकसान की मरम्मत की जा रही है। मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद सिलीगुड़ी जंक्शन से दार्जिलिंग तक ट्वाय ट्रेन का परिचालन शुरू हो जाएगा।

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