ममता बनर्जी भाजपा पर तृणमूल को तोडऩे का आरोप लगा रही है। लेकिन सच्चाई है कि विपक्षी दलों के नेताओं को तोडऩे कर अपनी पार्टी में शामिल करने की संस्कृति उन्होंने ही शुरू की थी। उन्होंने सभी विपक्षी दलों के विधायक और सांसद यहां तक कि पार्षदों और पंचायत अध्यक्षों को पुलिस से डरा कर और पैसे का लोभ दिखा कर अपनी पार्टी में शामिल किया और नगरपालिकाओं व पंचायतों में अपना बोर्ड गठन किया। अब तृणमूल के अपने ही बुने जाल में फंस कर समाप्त होने का समय आ गया है। उसे इस मुद्दे पर कुछ भी कहने का अधिकार नहीं है।
मुकुल राय प्रदेश भाजपा के कोच
उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी विपक्षी नेताओं को तोडऩे में मुकुल राय के तोडज़ोड़ की कुशतला का इस्तेमाल करती थी। लेकिन अब राय प्रदेश भाजपा के कोच हैं। अब ममता बनर्जी का खेल खत्म हो गया। अब हम खेलेंगे। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की रीटेल दुकानें बंद होती जा रही हैं। अभी उनकी ***** सेल दुकान चल रही है। वर्ष 2021 में उसमें भी हम ताला लगा देंगे।
अभी बनीं भीगी बिल्ली
दिलीप घोष ने कहा कि कभी बाघिन की तरह दहाडऩे वाली ममता बनर्जी अब भीगी बिल्ली बन गई है। पहले घंटों टीवी चैनल को साक्षात्कार देती थी और उसका लाइव प्रसारण होता था। अब वे मीडिया से भागे फिर रही हैं। कभी कभार राज्य सचिवालय नवान्न में उल्टा-पुल्टा बयान देती हैं। लोग उसे सुन कर हंसते हैं। तृणमूल कांग्रेस के नेता भी मुंह छिपा कर भाग रहे हैं।
कुशासन से उबे लोग:कैलाश
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि ममता बनर्जी के कुशासन से बंगाल के लोग उब गए हैं। वे इस सरकार से मुक्ति चाहते हैं। भाजपा ही राज्य की जनता को तृणमूल कांग्रेस से मुक्ति दिलाएगी।