scriptमुर्मू के समर्थन में तृणमूल कांग्रेस को सेंधमारी का डर | Trinamool Congress fears burglary in support of Murmu | Patrika News

मुर्मू के समर्थन में तृणमूल कांग्रेस को सेंधमारी का डर

locationकोलकाताPublished: Jul 06, 2022 07:05:46 pm

Submitted by:

Deendayal Koli

एनडीए की राष्ट्रपति चुनाव की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू अगले शनिवार पश्चिम बंगाल आएंगी। इस दौरान वे विधानसभा में वोट मांगने आएंगी। वे स्पीकर बिमान बनर्जी से भी मिल सकती हैं। अब तृणमूल नेतृत्व को डर सता रहा है कि इस बार भी एनडीए कहीं पिछले राष्ट्रपति चुनाव की तरह सेंध न मार ले।

मुर्मू के समर्थन में तृणमूल कांग्रेस को सेंधमारी का डर

द्रोपदी मुर्मू यशवंत सिन्हा

एनडीए की राष्ट्रपति चुनाव की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू अगले शनिवार पश्चिम बंगाल आएंगी। इस दौरान वे विधानसभा में वोट मांगने आएंगी। वे स्पीकर बिमान बनर्जी से भी मिल सकती हैं। अब तृणमूल नेतृत्व को डर सता रहा है कि इस बार भी एनडीए कहीं पिछले राष्ट्रपति चुनाव की तरह सेंध न मार ले। इसलिए चुनाव से पहले तृणमूल सभी विधायकों व सांसदों को लेकर एक प्रशिक्षण शिविर आयोजित करना चाहती है। पिछले राष्ट्रपति चुनाव में तृणमूल कांग्रेस, वाममोर्चा और कांग्रेस के 13 वोट रामनाथ कोविंद को मिल गए थे। जबकि इनमें से 10 वोट यूपीए की उम्मीदवार मीरा कुमार को मिलने चाहिए थे। तृणमूल के विधायकों व सांसदों के सभी वोट विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को ही मिले, इसको सुनिश्चित करने के लिए तृणमूल नेतृत्व यह प्रशिक्षण शिविर का आयोजन करना चाहती है। पार्टी हाईकमान की हरी झंडी मिलते ही विधानसभा में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाएगा। राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई को है।
तृणमूल के 221 विधायक

पश्चिम बंगाल विधानसभा में तृणमूल के विधायकों की संख्या 216 है। भाजपा के पांच और विधायक तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए हैं। इनको लेकर तृणमूल के कुल 221 विधायक हो गए हैं। तृणमूल परिषद पार्टी सूत्रों के अनुसार पहली बार जीतने वाले विधायकों के लिए प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा सकता है।
विधानसभा के नौशर अली कक्ष में होगा प्रशिक्षण

तृणमूल परिषद के मुख्य सचेतक निर्मल घोष ने कहा कि पार्टी द्वारा निर्देश मिलते ही प्रशिक्षण शिविर का दिन तय कर दिया जाएगा। प्रशिक्षण शिविर विधानसभा के नौशर अली कक्ष में होगा। वहीं एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू अगले शनिवार को विधानसभा में वोट मांगने आएंगी। वह स्पीकर बिमान बनर्जी से भी मिल सकती हैं।
किसी ने नहीं स्वीकारा कोविंद को वोट देना

कोई भी पक्ष यह स्वीकार नहीं करना चाहता था कि उनके विधायकों ने कोविंद को वोट दिया था। इस बार बंगाल की सत्ताधारी पार्टी ऐसी स्थिति नहीं चाहती है। इसलिए इस बार विधायकों के लिए प्रशिक्षण शिविर का आयोजन कर राष्ट्रपति चुनाव में मतदान की प्रक्रिया को सभी विधायकों को समझा देना चाहती है। तृणमूल के लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसद भी पश्चिम बंगाल विधानसभा में ही मतदान करेंगे।
पिछले चुनाव से सबक

पिछले राष्ट्रपति चुनाव में मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और यूपीए उम्मीदवार मीरा कुमार के बीच मुकाबला हुआ था। तब मीरा को पश्चिम बंगाल विधानसभा में भाजपा के तीन विधायकों के अलावा तृणमूल कांग्रेस और वाममोर्चा के सभी विधायकों को वोट मिलना था। लेकिन मतगणना के दौरान देखा गया कि रामनाथ को पश्चिम बंगाल से तीन के बजाय 13 वोट मिले। वहीं आठ विधायकों के वोट रद्द हो गए थे। लगभग 18 वोट विपक्षी खेमे को कैसे चले गए या नष्ट हो गए। इस पर वाम-कांग्रेस और तृणमूल के बीच काफी चर्चा हुई।
70 नए विधायक

तृणमूल पार्टी में नए विधायकों की संख्या करीब 70 है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, प्रशिक्षण की व्यवस्था इसलिए की जाएगी ताकि विधायक किसी भी तरह से अपना वोट खराब न कर पाएं। तृणमूल नेतृत्व यह सुनिश्चित करना चाहता है कि पार्टी के सभी विधायक राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के लिए ही मतदान करें।

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