सूत्रों ने बताया कि बीरभूम लोकसभा से सांसद शताब्दी राय ने सारधा चिटफंड घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पत्र लिखा है। उस पत्र में उन्होंने ईडी से सारधा चिटफंड समूह से लिए गए पैसे वापस करने की इच्छा जाहिर की है, जो उन्होंने समय-समय पर उक्त कंपनी की ओर से अवैध रुप से लोगों से पैसे संग्रह करने वाली पोंजी स्कीम के प्रचार करने के लिए लिया था।
इससे पहले मिठुन चक्रवर्ती के वकील ने कोलकाता में प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय में 1.19 करोड़ रुपये का मसौदा जमा किया था। उन्होंने भी सारधा चिटफंड समूह की विभिन्न पोंजी स्कीम के प्रचार करने के लिए कंपनी से उक्त रकम लिए थे।
शताब्दी राय सारधा चिटफंड कंपनी समूह की ब्रांड एंबेसडर थीं। सारधा चिटफंड घोटाले की जांच कर रही सीबीआई और ईडी, दोनो को संदेश है कि इस घोटाले में शताब्दी राय भी लिप्त हो सकती हैं। इस क्रम में दोनो केन्द्रीय जांच एजेंसियों ने उनसे पूछताछ की है।
सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई 2014 को सीबीआई को इस घोटाले की जांच करने का निर्देश दिया। इसके बाद सीबीआई ने चार जून 2014 को सारदा चिटफंड समूह के सीएमडी सुदीप्तो सेन और उनकी सहयोगी देवयानी सहित अन्य लोगों के खिलाफ दंडात्मक प्रावधानों के तहत आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और अन्य अपराधके मामले दर्ज किया।