scriptTuition fee has not increased since 22 years | 22 वर्ष से ट्यूशन फी और 52 साल से हॉस्टल चार्ज नहीं बढ़ा | Patrika News

22 वर्ष से ट्यूशन फी और 52 साल से हॉस्टल चार्ज नहीं बढ़ा

locationकोलकाताPublished: Nov 19, 2022 11:47:56 pm

Submitted by:

Rabindra Rai

देश-दुनिया के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में शुमार जादवपुर विश्वविद्यालय आर्थिक तंगी से निकलने का विकल्प नहीं तलाश पा रहा है। शुल्क बढ़ाने और प्रयोगशाला रखरखाव सहित अन्य शुल्क लागू करने के रास्ते में छात्र-छात्राओं के संगठन रोड़ा बने हुए हैं।

22 वर्ष से ट्यूशन फी और 52 साल से हॉस्टल चार्ज नहीं बढ़ा
22 वर्ष से ट्यूशन फी और 52 साल से हॉस्टल चार्ज नहीं बढ़ा
तंगी से निकलने का विकल्प नहीं तलाश पा रहा जादवपुर विश्वविद्यालय

रखरखाव और फीस बढ़ाने की राह में रोड़ा बने छात्र संगठन
विभिन्न मांगें मनवाने के लिए डाल रहे प्रबंधन पर दबाव
कोलकाता. देश-दुनिया के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में शुमार जादवपुर विश्वविद्यालय आर्थिक तंगी से निकलने का विकल्प नहीं तलाश पा रहा है। शुल्क बढ़ाने और प्रयोगशाला रखरखाव सहित अन्य शुल्क लागू करने के रास्ते में छात्र-छात्राओं के संगठन रोड़ा बने हुए हैं। शुल्क वृद्धि का विरोध करने के साथ छात्र संगठन अपनी विभिन्न मांगें मनवाने के लिए विश्वविद्यालय के प्रबंधन पर दबाव बनाए हुए हैं, जिसके लिए करोड़ों रुपए खर्च होंगे। नतीजा विश्वविद्यालय 22 वर्ष बाद भी विभिन्न पाठ्यक्रमों के शुल्क और 52 साल बाद हास्टल चार्ज बढ़ाने की दिशा में पहल नहीं कर पा रहा है। अभी जादवपुर विश्वविद्यालय के हॉस्टल का मासिक शुल्क सिर्फ 25 रुपए है। छात्र संगठन अर्थशास्त्र विभाग की कम्प्यूटर लैबोरेटरी के रखरखाव के लिए प्रति माह 50 रुपए लेने का विरोध कर रहे हैं। इसलिए लैबोरेटरी शुरू नहीं हो पा रही है।
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राज्य में सबसे कम शुल्क
विश्वविद्यालय की वित्तीय कमेटी के विशेषज्ञों ने बताया कि बंगाल में जादवपुर विश्वविद्यालय ही एक मात्र शिक्षण संस्थान है, जहां सबसे कम पैसे में पढ़ाई करने और हॉस्टल में रहने की व्यवस्था है। राज्य में किसी भी शिक्षण संस्थान में इतने कम पैसे में पढऩे और रहने की सुविधा नहीं है। इन दिनों एक जगह से दूसरी जगह जाने का रिक्शा किराया 25 रुपए है। अर्थशास्त्र विभाग के प्रो. अभिरूप सरकार ने दावा किया कि सिर्फ सालाना 1200 रुपए में देश ही नहीं, बल्कि दुनिया में कहीं भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई नहीं हो रही है। दो दशक से इतना ही शुल्क है।
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सरकारी संस्थान में पढ़ाई मुफ्त में हो: छात्र संगठन
इंजीनियरिंग विभाग के छात्र संगठन फेटसु के महासचिव सौरव दास ने कहा कि ट्यूशन फी बढ़ाने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। सरकारी शिक्षण संस्थानों में एक रुपए भी शुल्क नहीं लेना चाहिए। कम्युनिस्ट छात्र संगठन एसएफआई के राज्य सचिव ने भी सौरव दास का समर्थन करते हुए कहा कि सरकारी शिक्षण संस्थानों में फीस को बढ़ाया जाएगा तो गरीब घर के बच्चे कैसे पढ़ेगे।
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छात्रों की 31 सूत्री मांगें
जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्र संगठनों ने प्रबंधन से कुल 31 मांगे पूरी करने की मांग की है। इनमें हॉस्टल की छत, टीवी रूम की मरम्मत, गल्र्स हॉस्टल में जिम खोलने, साल्टलेक के कैम्पस में ऑडिटोरियम और 24 घंटे एम्बुलेंस की सेवा उपलब्ध कराने की मांग शामिल है। विश्वविद्यालय प्रबंधन के अनुसार छात्र संगठन की मांगे मानने पर कम से कम एक से डेढ़ करोड़ रुपए खर्च होंगे।
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सभी मांगे मानना संभव नहीं: सह कुलपति
जादवपुर विश्वविद्यालय के सह कुलपति चिरंजीव भट्टाचार्य ने कहा कि छात्रों की की कुछ मांगें वास्तविक हैं। फिर भी आर्थिक तंगी होने के कारण उनकी सभी मांगे मानना संभव नहीं है। जो मांगे बहुत जरूरी है उसे पूरी करने की कोशिश की जाएगी।
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