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उत्तर 24 परगना और नदिया में बनेंगे दो नए विश्वविद्यालय : पार्थ

locationकोलकाताPublished: Nov 15, 2018 11:26:01 pm

-मुख्यमंत्री जल्द ही करेंगी घोषणा

Kolkata West Bengal

उत्तर 24 परगना और नदिया में बनेंगे दो नए विश्वविद्यालय : पार्थ

कोलकाता

शिक्षामंत्री पार्थ चटर्जी ने गुरुवार को प्रदेश के दो विश्वविद्यालयों को सौगात देने की बात कही। राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले गुरुवार को शिक्षामंत्री ने कहा कि उत्तर 24 परगना और नदिया जिले में दो नए विश्वविद्यालय बनाए जाएंगे। जल्द ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस बारे में आधिकारिक तौर पर घोषणा करेंगी। राज्य में उच्च शिक्षा विकास का दावा करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि कुछ लोगों के मन में इस तरह की धारणा बन गई थी कि पश्चिम बंगाल में कुछ नहीं हो सकता, लेकिन यह सच्चाई नहीं है। समय के साथ यहां बहुत कुछ बदला है। यहां वैश्विक स्तर की उच्च शिक्षा दी जा रही है। इस साल दूसरे राज्यों के 18000 परीक्षार्थी पश्चिम बंगाल के विभिन्न विश्वविद्यालयों में शिक्षा ग्रहण करने के लिए पहुंचे हैं। फिलहाल पश्चिम बंगाल के विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में 4.5 लाख छात्रों के पठन-पाठन की व्यवस्था है। जब राज्य में तृणमूल की सरकार बनी, तो उच्च शिक्षा के विकास में कई तरह की बाधाएं थीं। इसे धीरे-धीरे दूर किया गया। राज्य के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ-साथ मूलभूत सुविधाएं भी बढ़ाई गई हैं।
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बंगाल में नवजात केयर की समुचित व्यवस्था: ममता

कोलकाता
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में नवजात की देखभाल की समुचित व्यवस्ता का दावा किया है। नवजात देखभाल सप्ताह के पहले दिन गुरुवार को ममता ने ट्वीट किया कि आज से नवजात देखभाल सप्ताह की शुरुआत हो रही है। पिछले सात सालों में हमारी सरकार ने 307 सिक न्यूबॉर्न स्टेबलाइजेशन यूनिट (एसएनएसयू) की स्थापना की है। इसके अलावा नवजात बच्चों के लिए केयर यूनिट की संख्या भी बढ़ाकर 06 से 68 की गई है। यह तृणमूल सरकार के कार्यों का ही परिणाम है कि पश्चिम बंगाल में नवजात बच्चों के इलाज के लिए क्रिटिकल केयर यूनिट और बेड की संख्या पूरे देश में सबसे अधिक है। उल्लेखनीय है कि देशभर में नवजात देखभाल सप्ताह 15 से 21 नवम्बर तक मनाया जाता है। इसका मूल लक्ष्य नवजात बच्चों के इलाज और देखभाल के प्रति जागरुकता तथा चिकित्सकीय इकाइयों का विकास है। जन्म के बाद 28 दिनों तक बच्चों की जिंदगी को सबसे अधिक खतरा रहता है। इसलिए अस्पताल में बच्चों के लिए सिक नियोनेटल पीरियड यूनिट की स्थापना की गई है, जहां जन्म के बाद बच्चों को रखकर इलाज किया जाता है। राज्य सरकार का दावा है कि पश्चिम बंगाल में नवजातों की देखरेख के लिए सबसे अधिक क्रिटिकल केयर यूनिट और बेड उपलब्ध हैं।
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