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मुकुल की सुरक्षा संबंधित रिपोर्ट हाईकोर्ट को दी

locationकोलकाताPublished: May 03, 2018 11:22:39 pm

Submitted by:

MANOJ KUMAR SINGH

मामले की अगली सुनवाई जून में होगी

Kolkata West Bengal
कोलकाता

केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को कलकत्ता हाई कोर्ट के समक्ष भाजपा नेता मुकुल राय की सुरक्षा से संबंधित गोपनीय रिपोर्ट पेश की। गृह मंत्रालय ने यह रिपोर्ट राय को सुरक्षा दिए जाने पर सवाल उठाने वाली जनहित याचिका के मद्देनजर दी है। मामले की अगली सुनवाई जून में होगी।
विधाननगर नगर निगम के वार्ड नंबर सात के तृणमूल कांग्रेस पार्षद देवराज चक्रवर्ती ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की और मुकुल राय को सुरक्षा दिए जाने को चुनौती दी। 24 नवंबर 2017 को दायर अपनी याचिका में उक्त पार्षद ने पूछा है कि राज्य की जनता के पैसे से भाजपा नेता मुकुल राय को वाई प्लस दर्जे की सुरक्षा क्यों दी गई है।
मुख्य न्यायाधीश ज्योतिर्मय भट्टाचार्य और न्यायाधीश अर्जित बंद्योपाध्याय की खण्डपीठ में इस दिन सुनवाई के दौरान मुकुल राय के वकील पार्थ घोष ने कहा कि उनके मुवक्किल जब तृणमूल कांग्रेस में थे तब राज्य सरकार ने उन्हें सुरक्षा दी थी। तब जनहित याचिका दायर करने वाले ने आपत्ति जाहिर क्यों नहीं की थी। जवाब में याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उस समय राय के राज्यसभा सांसद थे। लेकिन अभी वे एक राजनेता मात्र हैं। केन्द्रीय अतिरिक्त सोलीसिटर जनरल कौशिक चन्द्र ने कहा कि गृह मंत्रालय ने सुरक्षा संबंधित विषयों का मूल्यांकन कर राय को वाई प्लस सुरक्षा दी है। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि केन्द्र सरकार सुरक्षा दे रही है तो इसमें उनकी क्या आपत्ति है। इसके बाद कौशिक चन्द्र ने राय की सुरक्षा संबंधित गोपनीय रिपोर्ट खण्डपीठ के समक्ष पेश की।
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हाई कोर्ट ने मांगा दिलीप घोष का शैक्षणिक प्रमाणपत्र

कलकत्ता
कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष से उनकी शैक्षणिकयोग्यता का प्रमाणपत्र मांगा है। पूर्व भाजपा नेता अशोक सरकार की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश ज्योतिर्मय भट्टाचार्य और न्यायाधीश अर्जित बंद्योपाध्याय की खण्डपीठ ने कहा कि दिलीप घोष जनप्रतिनिधि है। वे अपनी शैक्षणिक योग्यता की जानकारी क्यों नहीं बताएंगे। बेंच ने अगले सप्ताह उन्हें प्रमाणपत्र पेश करने को कहा।
इसपर दिलीप घोष के अधिवक्ता ने कहा कि घोष पंचायत चुनाव में व्यस्त हैं। इसलिए उन्हें प्रमाण पत्र पेश करने के लिए समय चाहिए। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने गर्मी की छुट्टी के बाद दिलीप घोष को अपना शैक्षणिक प्रमाण पत्र पेश करने का निर्देश दिया।

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