हंगामा मचाना ठीक नहीं शिक्षामंत्री पार्थ चटर्जी ने हमले की निंदा कते हुए कहा कि किसी भी संस्थान में विद्यार्थियों को यह समझना चाहिए कि क्या हो सकता है और क्या नहीं। इस प्रकार हंगामा मचाना ठीक नहीं। आसन्न लोकसभा चुनाव के कारण छात्र संघ चुनाव अभी तो संभव ही नहीं है। हम प्रशासनिक रूप से ही कुछ नहीं कर सकते। इसके अलावा अब छात्र संघ चुनाव नहीं बल्कि छात्र परिषद के चुनाव होंगे। विद्यार्थियों को इतना हंगामा नहीं मचाना चाहिए।
कहीं निकली रैली, तो कहीं किया गया प्रदर्शन जादवपुर विश्वविद्यालय के सूत्रों के मुताबिक दोपहर 2 बजे से शुरू हुई कार्यकारिणी की बैठक के दौरान छात्रसंघ की मांग पर वामपंथी छात्र संगठन ने रैली निकाली, तो परिसर में यौन उत्पीडऩ के विरोध में तृणमूल छात्र परिषद की ओर से प्रदर्शन किया गया। तीसरी ओर कर्मचारी संगठन ने परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग पर भी प्रदर्शन किया। सुबह से ही बैठक को लेकर छात्रों में तनाव था।
कैसे व कब हुआ हमला जादवपुर विश्वविद्यालय के सूत्रों ने बताया कि बैठक के बाद कुलपति जब अरविन्द भवन से बाहर निकल कर अपनी गाड़ी में बैठने जा रहे थे, तब वामपंथी छात्र संगठन के कुछ छात्रों ने उनसे छात्र संघ चुनाव के मुद्दे पर जवाब मांगना शुरू कर दिया। कुलपति ने कहा कि वे बुधवार को इस मुद्दे पर बात करेंगे, पर वामपंथी संगठन के छात्रों ने नहीं माना। उनका कहना था कि अभी ही तय करना होगा। वे कुलपति पर निर्णय लेने को दबाव डालने लगे। जिससे माहौल बिगड़ गया। इसी बीच उनके साथ धक्का-मुक्की शुरू हो गई। कुलपति छात्रों के बीच में फंस गए। वहीं टीएमसीपी के छात्र भी खड़े थे। टीमएसीपी के समर्थकों का कहना है कि वे कुलपति को बचाने के लिए वहां गए थे। तभी वामपंथी छात्रों ने उनके साथ मारपीट की। इस घटना में कुल ५ छात्र घायल हुए हैं। कुलपति का रक्त चाप कम होने के कारण उनका दम घुटने लगा था। इस घटना को लेकर पूरे परिसर में हंगामा मच गया। एक ओर प्राध्यापक कुलपति को संभालने में लगे थे, तो दूसरी ओर विद्यार्थियों का प्रदर्शन और हंगामा जारी रहा। एक छात्र को भी एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जेयू में लगातार चल रही छात्रसंघ चुनाव की मांग जादवपुर विश्वविद्लाय के विभिन्न छात्र संगठन छात्र संघ चुनाव की मांग के समर्थन में लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। मालूम हो कि वर्ष 2017 के दिसम्बर में राज्य शिक्षामंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा था कि पंचायत चुनावों के कारण छात्र संघ का चुनाव नहीं कराया गया। इस बीच छात्रसंघ चुनाव को भी छात्र परिषद चुनाव का नाम दे दिया गया। इससे छात्र नाराज हैं। कुल मिलाकर पिछले 2 सालों से राज्य के विभिन्न कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव की मांग पर छात्र आंदोलन कर रहे हैं।