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‘दिल के तराजू में नहीं, दौलत के तराजू में तोले जा रहे रिश्ते’

locationकोलकाताPublished: Jun 07, 2019 10:23:59 pm

Submitted by:

Shishir Sharan Rahi

उत्तर हावड़ा महिला मंडल की वी कनेक्ट कार्यशाला—सिख ले रिश्तों की एबीसीडी-खुशहाल रहेगी हर पीढ़ी

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‘दिल के तराजू में नहीं, दौलत के तराजू में तोले जा रहे रिश्ते’

हावड़ा. आज के अर्थ प्रधान युग में रिश्ते दिल के तराजू में नहीं, बल्कि दौलत के तराजू में तोले जा रहे हैं। रिश्तों को अहमियत देने पर जोर देते हुए उत्तर हावड़ा महिला मंडल की ओर से गुरुवार को प्रज्ञा सभागार में अभातेममं निर्देशित..वी कनेक्ट कार्यशाला के दौरान वक्ताओं ने यह उद्गार व्यक्त किए। कार्यशाला के तहत ….सीख ले रिश्तों की एबीसीडी-खुशहाल रहेगी हर पीढ़ी.. कार्यक्रम का आयोजन हुआ। नवकार मन्त्र, प्रेरणा गीत, महाप्रज्ञ जप से कार्यशाला शुरू हुई। अध्यक्ष कंचन पारख ने मुख्य वक्ता मुमक्षु संजना बाई का स्वागत करते हुए कहा कि विनम्रता, सहिष्णुता, निष्पक्षता और उदारता ऐसे गुण है जो व्यक्ति को व्यवहार कौशल बनाते है। उन्होंने कहा कि रिश्तों में आपसी तालमेल बैठाकर व्यवहार कुशल रहने से ही परिवार-घर उन्नत और संस्कारी होगा। मुमक्षु संजना बाई ने कहा कि हमारी सोच का रिश्तों पर बहुत असर पड़ता है। परिवार में सभी के आचार-विचार एक समान हों यह जरूरी नहीं। उन्होंने तालमेल बैठा कर रिश्तों को निभाने और आने वाली पीढ़ी को संस्कारी बनाने पर जोर देते हुए कहा कि रिश्ते बैंक एकाउंट की तरह होते हैं। जैसी कीमत भरेंगें वैसा ही ब्याज मिलेगा। मंत्री सीमा बैद ने अपने भाव व्यक्त करते हुए कहा कि अनेकान्त की भाषा और आपसी समझ सही, संस्कार उन्नत हों तो घर परिवार जन्नत बनेगा। उन्होंने अफसोस व्यक्त करते हुए कहा कि आज रिश्ते दिल के तराजू में नहीं, बल्कि दौलत के तराजू में तोले जा रहे जबकि एक समय ऐसा था जब रिश्ते अनमोल हुआ करते थे। हमे सर्वप्रथम रिश्तों को अहमियत देनी चाहिए जिससे हमारा परिवार सुखद और आनेवाली पीढ़ी संस्कारी हो। कार्यशाला में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया।

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