script‘…भारतभूमि के अंग-अंग में वेदों के स्वर गूंजेंगे’ | veda school was inaugrated at south 24 pargana | Patrika News

‘…भारतभूमि के अंग-अंग में वेदों के स्वर गूंजेंगे’

locationकोलकाताPublished: Dec 22, 2018 10:09:07 pm

Submitted by:

Shishir Sharan Rahi

बोले बाबा रामदेव, दुनिया में भारत का गौरव फैलाएंगे वेदार्थी—-पूर्वी भारत के पहले वेद विद्यालय शांति देवी जालान अंतरराष्ट्रीय वैदिक केंद्र का उद्घाटन —दक्षिण 24 परगना के बारूली ग्राम में हुआ आयोजन

kolkata

‘…भारतभूमि के अंग-अंग में वेदों के स्वर गूंजेंगे’

कोलकाता. ‘भारतभूमि के अंग-अंग में वेदों के स्वर गूंजेंगे, जीवन आहुति से भारत का सुवर्ण फिर लाएंगे’….गीत का पाठ सामूहिक रूप से लयबद्ध होकर जब बटुकों ने शनिवार को किया, तो तालियों की गडग़ड़ाहट और भारतमाता के जयकारों से दक्षिण 24 परगना का बारूली (गोविंदपुर) ग्राम गूंज उठा। मौका था पूर्वी भारत के पहले वेद विद्यालय के रूप में शांति देवी जालान अंतरराष्ट्रीय वैदिक केंद्र के उद्घाटन का। संस्थान का मुख्य उद्देश्य वैदिक मंत्रों के जाप की विलुप्त परंपरा को संरक्षित करना, बढ़ावा देना और छात्रों के बीच वैदिक ज्ञान का प्रसार करना है। यहां न केवल संस्कृत, बल्कि अंग्रेजी, कम्प्यूटर साइंस की भी शिक्षा दी जाएगी। योगगुरु बाबा रामदेव ने यहां वेद-संस्कृत आदि के अध्ययन के लिए देश के विभिन्न राज्यों से आए बटुकों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि यहां से वेद का ज्ञान हासिल कर वेदार्थी पूरी दुनिया में भारत का गौरव फैलाएंगे। समारोह के उद्घाटनकर्ता केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर थे, पर किसी अपरिहार्य कारणों से नहीं आ सके। नई दिल्ली से उन्होंने वीडियो कान्फ्रेंसिग के जरिए बधाई संदेश भेजा और इसके लिए आयोजकों को बधाई दी। उन्होंने आधुनिक और प्राचीन शिक्षा के बीच तालमेल की आवश्यकता पर जोर दिया। जावड़ेकर की अनुपस्थिति में बाबा रामदेव, स्वामी गोविंददेव गिरि आदि अतिथियों की मौजूदगी में समारोह हुआ। स्वामी गोविंददेव गिरि ने कहा कि इस केंद्र में 1 हजार बटुकों को वेद शिक्षा दी जाएगी जो भारत ही नहीं बल्कि विश्व के अनेक देशों में भारत के दूत के रूप में जाएंगे। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि बंगभूमि में जहां गोमाता की कदर नहीं वहां इस तरह के वेद केंद्र की स्थापना का बहुत महत्व है। उन्होंने कहा कि वेद विद्या का लुप्त होना भारत की सबसे बड़ी हानि है। विकास हो पर हमारी परंपरा को खोना नहीं चाहिए। बिना वेद भारत भारतमाता नहीं। ईश्वर का अस्तित्व है कि नहीं इस पर बहस संभव है, लेकिन वेद प्रमाणिक है और इसे सभी को स्वीकार करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि वेद की सेवा ही राष्ट्र, ईश्वर और गुरु सेवा है।
—-रामदेव ने ममता से संस्कृत सीखाने के लिए मांगा समर्थन
रामदेव ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस केंद्र में वेद-संस्कृत सीखाने के लिए समर्थन मांगा और कहा कि वेदों की सच्ची भावना सीखने से लोगों के बीच एकता बढ़ाने में मदद मिलेगी और एक अखंड भारत का निर्माण होगा। उन्हें पूरी उम्मीद है कि मुख्यमंत्री बंगाल में वेद और संस्कृत सीखाने की इस दिशा में समान रूप से सहायक साबित होंगी। उन्होंने वेद को अनादि-अनंत बताते हुए कहा कि यह दुनिया का प्राचीनतम धर्मग्रंथ है। यह सनातन धर्मं और हमारी संस्कृति का मूल आधार है।
—–धार्मिक असहिष्णुता नहीं देखा
पत्रकारों के सवालों के जवाब में रामदेव ने कहा कि उन्होंने राजनीतिक असहिष्णुता तो जरूर देखी है, पर धार्मिक असहिष्णुता आजतक नहीं देखा। अबिनेता नसीरूद्दीन शाह के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रामदेव ने कहा कि विश्व के हर देश में हिंसा होती है, पर वहां के नागरिक अपने देश पर आरोप नहीं लगाते। उन्होंने कहा कि जिस दिन हर जिले, हर अंचल में वेद का अध्ययन होने लगेगा उसी दिन भारत दुनिया में सिरमौर बनकर उभरेगा। रामदेव ने कहा कि यह बेहद अफसोसजनक है कि कई लोगों को यह मालूम ही नहीं कि वेद कितने हैं? उन्होंने कहा कि वेद हमारे प्राण, आत्मा और हमारी पहचान हैं।
—-इनका रहा योगदान
गौरांग वेद विद्यालय ट्रस्ट कोलकाता के तत्वावधान में प्रवासी राजस्थानी उद्योगपति और समाजसेवी सुधीर जालान ने अपनी माता की स्मृति में शांति देवी जालान अंतरराष्ट्रीय वैदिक केंद्र का निर्माण कराया है। इसके साथ ही देशभर में 34 वेद विद्यालय हो चुके हैं। यहां असम, ओडिशा, बिहार, झारखंड, उप्र सहित विभिन्न राज्यों के छात्रों को वेद विशेषज्ञ रामरूप मिश्र वेद की शिक्षा देंगे। छात्रों के भोजन सहित निवास की भी व्यवस्था की गई है। पुणे में १९९० में महर्षि वेदव्यास प्रतिष्ठान की स्थापना में अहम भूमिका निभाने वाले स्वामी गोविंददेव गिरि भी वेद संबंधी शिक्षा देंगे। संरक्षक सुधीर जालान, सुशील जालान, गौरीशंकर झंवर, श्यामसुंदर शाह, महेश नंद पुष्कर, ट्रस्टी किशन मल, गोविंद सारडा, रेखा जालान, अलका जालान, सुमित्रा मोदी और शिवरतन मोहता आदि सक्रिय रहे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो