नियाजी के टेबल से उठा लाए थे झंडा क्लेर के पिता ने जनरल नियाजी के टेबल से उसका झंडा उठा लाया था, जिसे उन्होंने १५ दिसंबर, २०१४ को सेना के पूर्वी कमांड मुख्यालय फोर्ट विलियम को सौंपा और आज यह फोर्ट विलियम में जनरल ऑफिसर-कमांडिग-इन-चीफ के कार्यालय में है।
मुक्तिदाता के नाम से मशहूर थे इनके पिता मेजर जनरल हरदेव सिंह क्लेर को रेडक्रॉस की ओर से ढाका के मुक्तिदाता के नाम से संबोधित किया जाता था। १९७१ जंग के हीरो मेजर जनरल हरदेव सिंह क्लेर (1924-2016) भारतीय सेना के उन महान योद्धाओं में थे जिन्होंने १९६५ और बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में हिस्सा लिया था। १९७१ युद्ध में जनरल नियाजी को युद्ध के 12 दिनों में आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर कर दिया था। इस अनूठी उपलब्धि के लिए मेजर जनरल क्लेर को महावीर चक्र से सम्मानित किया गया, जबकि उनके पुत्र विंग कमांडर डीजे क्लेर को वायु सेना पदक (गैलेन्ट्री) मिला।