‘आज के बच्चे ही कल के नागरिक’
कोलकाताPublished: Feb 18, 2019 04:48:08 pm
रेड्डी को विवेकानन्द सेवा सम्मान–बड़ाबाजार कुमारसभा पुस्तकालय का आयोजन—शहीद सैनिकों के सम्मान में श्रद्धांजलि
‘आज के बच्चे ही कल के नागरिक’
कोलकाता. बच्चों में सकारात्मक सोच का बीजारोपण बेहद जरूरी है, क्योंकि आज के बच्चे ही कल के नागरिक हैं। विवेकानंद सेवा सम्मान से सम्मानित हैदराबाद (तेलंगाना) के सेवा भारती, आरोग्य भारती से सम्बद्ध डॉ. बी. सुरेन्द्र रेड्डी ने यह बात कही। ओडिशा के राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल ने बड़ाबाजार कुमारसभा पुस्तकालय के तत्वावधान में रथीन्द्र मंच में आयोजित 33वें विवेकानंद सेवा सम्मान समारोह में बतौर अध्यक्ष समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मनुष्य को मनुष्य मानकर सेवा करना ज्ञान योग, कत्र्तव्य मानकर सेवा करना कर्मयोग है पर उसे भगवान मानकर सेवा करना भक्ति योग है। रेड्डी की मानव सेवा इसी भाव से प्रेरित है। इससे पहले पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद सीआरपीएफ जवानों के सम्मान में एक मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। समारोह में रेड्डी को शॉल, श्रीफल, मानपत्र तथा एक लाख राशि देकर विवेकानंद सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया। प्रधान वक्ता डॉ. स्वरूप प्रसाद घोष ने स्वामी विवेकानन्द को ब्राहृगुणी बताते हुए कहा कि उनमें आदि शंकराचार्य, बुद्ध, चैतन्य, रामकृष्ण परमहंस के चिन्तन का सम्मिश्रण था। वे केवल बंगाल, भारतभूमि में नहीं, संपूर्ण विश्व में युग पुरुष के रूप में पूजित थे। प्रधान अतिथि लक्ष्मीनारायण भाला थे। रेड्डी ने अपने कार्य के अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि आरोग्य, भोजन, चिकित्सा तथा शिक्षा के साथ संस्कार और सकारात्मक सोच के समावेश से मनुष्य का जीवन स्तर ऊंचा उठ सकता है। रंगकर्मी विमल लाठ ने स्वागत भाषण में कुमारसभा के 100 वर्ष पूरे होने पर पुस्तकालय के गौरवशाली अतीत का उल्लेख किया। पुस्तकालय के मंत्री महावीर बजाज ने संचालन साहित्यमंत्री बंशीधर शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। अतिथियों का स्वागत अरुण प्रकाश मल्लावत, महावीर प्रसाद मणकसिया, डॉ. तारा दुगड़, नन्दकुमार लड्ढ़ा, शांतिलाल जैन, रामचन्द्र अग्रवाल ने किया। आरोग्य भारती के प्रदेश सभापति तापस सरकार डॉ. आशीष बनर्जी ने रेड्डी को पुष्पगुच्छ, शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। अजयेन्द्रनाथ त्रिवेदी, भागीरथ चांडक, नन्दलाल सिंहानिया, गिरिधर राय, ऋषिकेश राय, अनिल ओझा नीरद, अजय नन्दी, भंवरलाल मूधड़ा, नवरत्न झंवर, धनपतराम अग्रवाल, आरके व्यास, जयगोपाल गुप्ता, राजीव शरण, शंकरबक्स सिंह, आनन्द पाण्डेय, शंकरलाल अग्रवाल, संजय रस्तोगी, सुनील हर्ष, सुरेन्द्र डालमिया, राजगोपाल सुरेका, रवीन्द्र श्रीवास्तव, शशिकांत नारसरिया, सुधा जैन, स्नेहलता बैद, इन्द्रकुमार नाहटा, रणजीत लूणिया, अशोक गुप्ता, नरेन्द्र अग्रवाल, नवीन सिंह, गुड्डन सिंह, सीमा रस्तोगी, राधेश्याम बजाज, संजय मंडल, आदि उपस्थित थे। सत्यप्रकाश राय, मनोज काकड़ा, कमल त्रिपाठी, श्रीराम सोनी, सत्येन्द्र सिंह अटल और राजकमल बांगड़ सक्रिय रहे।