आधे दर्जन घरों में चलाता था शराब में मिलावट करने का धंधा अवैध देशी शराब का ठेक चलाने वाले प्रताप कर्मकार ने गिरफ्तारी के बाद पुलिस को बताया कि वह शराब में नशे के पावर को बढ़ाने के लिए उसमें मिलावट करता था। पुलिस सूत्रों के अनुसार प्रताप मालीपांचघड़ा थाने के पीछे ही गजानन बस्ती में अवैध रूप से शराब की बिक्री करता था। कुल आधे दर्जन घरों में वह शराब में मिलावट और बनाने के कारोबार करता था। प्रताप के खिलाफ आरोप लगाया गया है कि बंगला शराब की बोतलों में अधिक नशे के लिए नींद की गोलियों और अन्य रसायनों को मिलाकर बेचा करता था। वह शराब ऐसा बनाता था, ताकि थोड़े पीने से नशा ज्यादा हो जाता था। इसलिए वहां शराब पीने वालों की अधिक भीड़ उमड़ती थी।
फॉरेंसिक दल को भी मिले प्रमाण घटनास्थल से आबकारी विभाग और फॉरेंसिक दल को इस तरह के प्रमाण भी मिले हैं। दूसरी ओर जांचकर्ताओं ने पाया कि शराब में जो मिश्रण किया जाता था, वह गलत तरीके से किया जाता था। गजानन बस्ती में मुख्य रूप से मुटिया, मजदूर या गरीब तबके के लोग रहते हैं। नतीजा यह हुआ कि उस झुग्गी बस्ती में दिन-रात कई लोग प्रताप के ठेक पर शराब पीने के लिए भी आते थे। मंगलवार को जिन लोगों ने शराब का सेवन किया उनमें अधिकत्तर उल्टी व दस्त करने के बाद एक के बाद एक दम तोड़ते रहे। स्थानीय लोगों को उसके बाद पता चला कि ये प्रताप के ठेक से शराब का सेवन किये थे। इसमें दस लोगों को जहरीली शराब पीने से मौत हुई। जबकि पुलिस ने सात की मरने की पुष्टि की है। तीन की मौत के कारण का पता नहीं चल पाया है। प्रताप सलकिया के कैवर्तापाड़ा लेन का रहने वाला है।
पिता से बिरासत में मिला था शराब का धंधा स्थानीय सूत्रों के अनुसार प्रताप के पिता गजानन बस्ती में एक खटाल से सटे इलाके में शराब की दुकान चलाते थे। बाद में यह कारोबार प्रताप के हाथ में आ गया।
पुलिस से सांठ-गांठ व पहचान स्थानीय निवासियों के अनुसार प्रताप का इलाके में काफी दबदबा है। पूरा इलाका उसके कब्जे में था। नतीजतन कोई भी उसके खिलाफ आवाज नहीं उठाता था। उसकी पुलिस व अन्य राजनीतिक लोगों से अच्छी जान पहचान थी। वह इतना प्रभावशाली था कि गजानन बस्ती को प्रताप की बस्ती के नाम से जाना जाता था। उसके खिलाफ कोई थाने में अगर शिकायत करता तो पुलिस शिकायत कर्ता को ही धमकाती और डराती थी। जहरीली शराब में मृतकों की संख्या बढ़ते ही प्रताप कर्मकार पुलिस के साथ थाने पहुंचा।
पुलिस ने कहा कि ठेक के बारे में जानकारी नहीं मालीपांचघड़ा के प्रभारी अमित मित्रा से पूछा गया कि थाने के पीछे यह शराब का ठेक वर्षों से चलता था। उन्होंने कहा कि उन्हें पता नहीं था। जबकि जनता सीधे पुलिस पर ही आरोप लगा रही है। स्थानीय विधायक गौतम चौधरी ने भी पत्रकारों को बताया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी।
बड़ी संख्या में पुलिस थी मौजूद मृतकों के शव का पोस्टमार्टम मल्लिक फाटक में हो रहा है। वहां कोई अशांति न हो इसलिए विधायक गौतम चौधरी भी वहां पहुंच गए थे। उनके अलावा एसीपी हावड़ा व थाना प्रभारी समेत बड़ी संख्या में पुलिस वहां मौजूद रही।