एक शिकायतकर्ता का नाम कृष्णेन्दु बंद्योपाध्याय है। वह रानाघाट नगरपालिका के वार्ड नम्बर-9 का निवासी है। वह तृणमूल कांग्रेस का सक्रिय कार्यकर्ता भी है। उसका आरोप है कि भाजपा सांसद ने धार्मिक दंगा फैलाने के लिए उक्त बयान दिया है। भाजपा सांसद के आचरण के कारण नेता और कार्यकर्ता अपराधी बन रहे हैं। उन्हें अशांति फैलाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
दिलीप घोष ने रविवार को राणाघाट में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि भाजपा शासित प्रदेशों में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को ‘कुत्तों की तरह गोली मार दी गई है।’ ममता बनर्जी और उनकी सरकार ने वोट बैंक की लालच में सीएएके खिलाफ प्रदर्शन के दौरान सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर गोली चलाने तथा लाठीचार्ज का आदेश नहीं दिया।
दिलीप घोष के इस बयान को लेकर पश्चिम बंगाल में सियासी बवाल मच गया है। उनके बयान की चौतरफा निंदा की जा रही है। विपक्षी पार्टियां तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस एवं माकपा के साथ आमलोग एवं बुद्धिजीवी वर्ग भी उनके बयान की तीखी आलोचना कर रहा है। उनकी ही पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने भी उनके बयान की निंदा की है।
—- तृणणूल नेता का जवाबी विवादित बयान इधर दिलीप घोष के विवादित बयान के जवाब में तृणणूल कांग्रेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष अणुब्रत मंडल ने भी विवादित बयान दिया है। दिलीप घोष के बयान पर पत्रकारों की ओर से प्रतिक्रिया पूछने पर अणुब्रत मंडल ने कहा कि ‘केन्द्र सरकार को दिलीप घोष को गोली मरवा देनी चाहिए।’
अणुब्रत मंडल के बयान की भी तीखी निंदा की जा रही है। अणुब्रत मंडल इससे पहले भी कई बार विवादित बयान दे चुके हैं।