गुरुवार को राहत व बचाव कार्य का जिम्मा संभालने वाले एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट अजय कुमार सिंह ने बताया कि खदान में फंसे लोगों का पता लगाने के लिए विशेष टीम गठित की गई थी। अत्याधुनिक उपकरणों का प्रयोग किया गया। जांच में सामने आया कि सुरंग के मुहाने पर हाईड्रोजन सल्फाइड व सुरंग के भीतर कार्बन मोनोऑक्साइड गैस मौजूद है। शव सुरंग के ४० फीट अंदर दिखे थे। पहले सुरंग से जहरीली गैस बाहर निकाली गई। फिर सुरंग के आसपास मिट्टी खोद कर उसमे ंप्रवेश करने का रास्ता बनाया गया। उपकरणों से सुसज्जित टीम ने देर रात शव बाहर निकाले।
विशेष टीम गठित की गई थी गुरुवार को राहत व बचाव कार्य का जिम्मा संभालने वाले एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट अजय कुमार सिंह ने बताया कि खदान में फंसे लोगों का पता लगाने के लिए विशेष टीम गठित की गई थी। अत्याधुनिक उपकरणों का प्रयोग किया गया। जांच में सामने आया कि सुरंग के मुहाने पर हाईड्रोजन सल्फाइड व सुरंग के भीतर कार्बन मोनोऑक्साइड गैस मौजूद है। शव सुरंग के ४० फीट अंदर दिखे थे। पहले सुरंग से जहरीली गैस बाहर निकाली गई। फिर सुरंग के आसपास मिट्टी खोद कर उसमे ंप्रवेश करने का रास्ता बनाया गया। उपकरणों से सुसज्जित टीम ने देर रात शव बाहर निकाले।