पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का कड़ा विरोध करते हुए मंगलवार को कहा कि बांग्लादेश से आए वे सभी जो चुनावों में वोट डाल रहे हैं, भारतीय नागरिक हैं और उन्हें नए सिरे से नागरिकता के लिए आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है। उत्तर दिनाजपुर जिले के कालियागंज में सभा को संबोधित करते हुए जो लोग बांग्लादेश से आए हैं, उन्हें नागरिकता मिल गई है। वे भारत के नागरिक हैं। चुनावों में वोट डाल रहे हैं, पीएम और सीएम का चुनाव कर रहे हैं। उनको फिर से नागरिकता के लिए आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है।
सीएए को लेकर दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे को लेकर उन्होंने केन्द्र सरकार की जमकर खिंचाई की। ममता बनर्जी ने कहा कि वह पश्चिम बंगाल को दूसरी दिल्ली में बदलने की अनुमति नहीं देगी। इधर कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि पार्टी बुधवार को उनकी पार्टी की ओर से राज्य भर के सभी 343 कम्यूनिटी डेवलपमेन्ट ब्लॉक और राज्य के 100 से अधिक शहरों में दिल्ली दंगों में केंद्र सरकार की भूमिका के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आयोजन करेगी। सभी को दिल्ली नरसंहार का विरोध करना चाहिए। हम चुप नहीं रहेंगे। उत्तर दिनाजपुर जिला भारत-बांग्लादेश सीमा से सटा है। बांग्लादेश से आए हिन्दू शरणार्थी भी बड़े पैमाने पर हैं। वहां सभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार राज्य में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जंनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का क्रियान्वयन नहीं करने देंगी।
बांग्लादेशी नगरिकों को आश्वस्त करते हुए उन्होंने कहा कि ‘चिंता न करो’, ‘घबराओ नहीं’। बंगाल में लोगों को कोई नहीं छू सकता। यदि कोई भी आपके दरवाजे पर दस्तावेज या जानकारी मांगने आता है, तो बस उसे बताएं कि आपके पास वोटर आईडी कार्ड है और यह पर्याप्त है।