हाई कोर्ट की ओर से मामले की पूर्ण जांच कर तीन महीने के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश पर बीरभूम जिला पुलिस ने 16 नवंबर 2019 को पूर्ण जांच शुरू की। जांच पूरी होने पर बोलपुर कोर्ट में अतिरिक्त चार्जशीट पेश कर दी।
लेकिन गत सात दिसंबर 2019 को पुलिस ने बोलपुर कोर्ट में पेश किए गए लाभपुर काण्ड से संबंधित अपने अतिरिक्त चार्जशीट में मनिरूल इस्लाम के साथ भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य मुकुल राय का नाम शामिल कर दिया। इसके साथ ही बोलपुर कोर्ट ने राय और इस्लाम के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है।
इस अतिरिक्त चार्जशीट में मनिरूल इस्लाम के साथ मुकुल राय और अन्य 23 लोगों के नाम शामिल हैं। हत्या होने के इतने साल तक इस मामले के पहले चार्जशीट में मुकुल राय के नाम नहीं होने और अतिरिक्त चार्जशीट में मनिरूल इस्लाम के साथ राय का नाम शामिल किए जाने को भाजपा बदले की राजनीतिक प्रतिहिंसा करार दे रही है।
लाभपुर हत्याकाण्ड ममता के अशान्ति फैलाने का हिस्सा
ंमुकुल राय ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई खबर नहीं है, लेकिन इसके लिए मुख्य जिम्मेदार ममता बनर्जी है। सत्ता में आने के साथ ही ममता बनर्जी बंगाल में अशान्त फैलाने की कोशिश कर रही हैं। लाभपुर हत्याकाण्ड उनकी हिंसा फैलाने की कीशिश का हिस्सा है।
लेकिन तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव पार्थ चटर्जी ने मुकुल राय के
आरोप को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि पार्थ- पुलिस चार्जशीट जमा दी है तो कानून काम करेगा। इस बारे में उन्हें कुछ भी नहीं कहना है। इनके खिलाफ कुछ भी होने पर सीधे ममता बनर्जी, तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाना शुरू कर देते हैं। यह निर्देश तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने तो नहीं दिया है।
ये है मामला
वर्ष 2010 में बीरभूम जिले के लाभपुर के तीन माकपा कार्यकर्ताओं की हत्या हुई थी। तीनों भाई थे। आरोप है कि मनीरूल इस्लाम ने सालिसी बैठक (पंचायत) करने के लिए काटन शेख और जरीना बीबी के तीन बेटों को अपने घर बुलाया। और उन्हें पीट-पीटकर अधमरा कर दिया और बम मार कर उनकी हत्या कर दी। पुलिस ने इस मामले में मनिरूल इस्लाम को गिरफ्तार भी की थी। लेकिन बाद में जमानत पर रिहा हो कर वे तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर लाभपुर से 2011 का विधानसभा चुनाव लड़े और जीत कर विधायक भी बन गए।