ममता ने पत्र में लिखा कि नए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी, आपको बधाई! संवैधानिक आमंत्रण पर मैंने शपथ ग्रहण में शामिल होने का फैसला किया था। पिछले कुछ घंटे में मीडिया रिपोर्ट में मैंने देखा कि भाजपा दावा कर रही है कि बंगाल में 54 राजनीतिक हत्याएं हुई हैं। यह पूरी तरह से झूठ है। बंगाल में कोई राजनीतिक हत्या नहीं हुई है। संभव है कि यह हत्या पुरानी रंजिश, पारिवारिक झगड़े या फिर किसी और रंजिश में हुई हो। इसमें राजनीति का कोई संबंध नहीं है और न ही हमारे रिकॉर्ड में ऐसा कुछ है। ममता ने आगे लिखा कि इसलिए, मैं क्षमा चाहती हूं नरेंद्र मोदी जी, इसने मुझे मजबूर कर दिया है कि मैं शपथ ग्रहण समारोह से दूर रहूं। शपथ ग्रहण समारोह को लोकतंत्र का पवित्र अवसर बताते हुए उन्होंने लिखा, शपथ ग्रहण समारोह लोकतंत्र के उत्सव का पवित्र मौका होता है। यह किसी दूसरी पार्टी के दर्जे को कम करने के लिए नहीं होता है और न ही किसी अन्य पार्टी के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध निकालने का मौका होता है। कृपया मुझे क्षमा करें।