ममता ने शाह से कहा कि सीएए को लेकर यदि हमलोग झूठ बोल रहे हैं तो हकीकत क्या है, बताइए? उल्लेखनीय है कि गृह मंत्री शाह ने मंगलवार को लखनऊ में सीएए के समर्थन में आयोजित रैली मंच से ममता पर निशाना साधा था। इसके ठीक 24 घंटे के भीतर ममता ने दार्जिलिंग में सभा मंच से शाह को इस बात की चुनौती दी कि वह सीएए के विभिन्न धाराओं पर स्पष्टीकरण दें। तृणमूल सुप्रीमो ने देश की खस्ताहाल आर्थिक व्यवस्था और बेरोजगारी के प्रसंग पर मोदी सरकार पर जमकर बरसीं।
पहाड़वासियों के साथ की पदयात्रा:
तृणमूल सुप्रीमो बनर्जी ने दार्जिलिंग में सीएए, राष्ट्रीय नागरिकता पंजी(एनआरसी) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ पदयात्रा की। यह उनकी पहली पदयात्रा थी। दार्जिलिंग में करीब 5 किमी. की पदयात्रा के बाद दार्जिलिंग चौरास्ता पर आयोजित सभा को सम्बोधित करते हुए ममता ने कहा कि सीएए को लेकर पहाड़वासियों का बहुत बड़ा वर्ग आतंकित और दहशत में है। उन्होंने पहाड़वासियों को संरक्षण देने की बात से आश्वस्त किया। असम में एनआरसी के कारण लाखों गोरखा बेघर हो गए। हम दार्जिलिंग में ऐसा होने की अनुमति नहीं देंगे क्योंकि यहां हमारी सरकार है। केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए ममता ने कहा कि हमारा वोट लेकर प्रधानमंत्री हमें ही देश से बाहर करना चाह रहे हैं।
ममता ने सवाल किया कि फिर हमे स्वाधीनता की बात करनी होगी। अभी भाजपा को लगा कि देश में नागरिकता संशोधित कानून लागू करना पड़ेगा। पहाड़वासियों को भरोसा दिलाते हुए ममता ने कहा कि पहाड़ से एक भी गोरखा को देश से बाहर जाना नहीं पड़ेगा। सीएए से आतंकित होने की आवश्यकता नहीं है। इसके रद्द नहीं होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। बनर्जी ने कहा कि केन्द्र सरकार केवल गैर-भाजपा शासित राज्यों में सीएए को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है।