ममता ने कहा कि अगर ऐसा ही रहा तो अगले लोकसभा चुनाव (2024) में यह खर्च एक लाख करोड़ के आसपास पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमरीका में साल 2016 के राष्ट्रपति और कांग्रेशनल इलेक्शन में भी कुल 6.5 बिलियन का चुनावी खर्च था, जबकि यह आंकड़ा भारत में 2019 के लोकसभा चुनाव में 8.65 बिलियन था। इस तरह से 2019 का लोकसभा चुनाव दुनिया के सबसे मंहगे चुनाव में शामिल हो गया।
ममता ने चुनाव में व्याप्त भ्रष्टाचार पर चिंता जताते हुए पीएम मोदी से चुनाव में जन निधिकरण(पब्लिक फंडिंग) के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह बैठक भारत में निष्पक्ष, स्वतंत्र और पारदर्शी चुनाव के लिए भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकने के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए बुलाई जाए। ममता ने इस बात पर भी जोर दिया कि हमें तत्काल चुनाव सुधार की जरूरत है, जिसमें चुनाव के लिए सरकारी खर्च की व्यवस्था शामिल है।