उन्होंने विवादित कानून और एनआरसी के खिलाफ सोमवार को महानगर कोलकाता में बड़ी विरोध रैली का नेतृत्व किया। रेड रोड स्थित भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा को माला पहनाने के बाद उपस्थित भीड़ को शपथ दिलाते हुए ममता ने कहा कि हम सब देश के नागरिक हैं। सर्वधर्म समन्वय जीवन का आदर्श है। किसी को बंगाल नहीं छोडऩे नहीं देंगे। सभी धर्मो के लोगों को साथ लेकर शांति से रहेंगे। केंद्र के खिलाफ हुंकार भरते हुए ममता ने कहा कि भले ही केंद्र बंगाल में उनकी सरकार को बर्खास्त कर दे, पर वह किसी भी हालत में एनआरसी और सीएए को लागू नहीं होने देंगी।
शांति का दिया संदेश:
पीएम नरेन्द्र मोदी का नारा सबका साथ सबका विकास पर सवाल उठाते हुए ममता ने पूछा कि अगर सबका साथ नहीं रहेगा तो सबका विकास कैसै होगा? ममता ने समाज के हर वर्ग को शांति से जुलूस में कदम मिलाने की सलाह दी। उन्होंने एनआरसी और सीएए के खिलाफ लोगों को शपथ दिलाते हुए कहा कि सभी को ध्यान रखने की जरूरत है कि हमारे आंदोलन में कोई बाहरी व्यक्ति प्रवेश कर हमारी शांति को विघ्नित नहीं करे।
जुलूस को लेकर सेंट्रल एवेन्यू पर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए थे। रेड रोड से लेकर जोड़ासांकू ठाकुरबाड़ी तक सेंट्रल एवेन्यू को सीसीटीवी के दायरे में रखा गया। आज दिल्ली के मुख्यमंत्री ने भी स्पष्ट किया है कि वे भी उक्त कानून को लागू नहीं होने देंगे। वहीं बिहार के मुख्यमंत्री ने भी एनआरसी के खिलाफ तेवर दिखाया है। मध्यप्रदेश, केरल, छत्तीसगढ़ और पंजाब के मुख्यमंत्री ने भी एनआरसी और सीएए के खिलाफ वक्तव्य दे रहे हैं।
केन्द्र ने बंगाल के अधिकतर हिस्सों में रेल सेवाएं रोक दी। फलस्वरूप हजारों की संख्या में लोगों को अपने गंतव्य तक जाने को लेकर हलकान हैं। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में लगातार चौथे दिन सोमवार को भी राज्य में प्रदर्शन हुआ। कई जगहों पर लोकल ट्रेनों तथा लंबी दूरी की ट्रेनों को विभिन्न स्थानों पर रोकी गई।